tag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post1167785880209041947..comments2024-03-26T08:08:47.284-07:00Comments on हाहाकार: अमिताभ से कसाब की तुलना नाजायजअनंत विजयhttp://www.blogger.com/profile/04532945027526708213noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-11751626641290310152013-01-16T01:16:23.870-08:002013-01-16T01:16:23.870-08:00निदा साहब ने इतनी निम्नतम तुलना की और महाकवि,संत क...निदा साहब ने इतनी निम्नतम तुलना की और महाकवि,संत क्रांतिकारी कबीर को अपने छंदों और शायरी में जीवंत करने वाले निदा फाजली। हिन्दुस्तानी शायरी की पहचान ..निदा फाजली ऐसा कर सकते हैं ,यकीं ही नहीं होता। मुमकिन हैं वे जीवन भर सलीम खान साहब ,जावेद अख्तर और अमिताभ बच्चन साहब से चिड़ते -कुड़ते रहो हो।इन लेखको और कलाकार के लिए उनके मन में कभी सम्मान रहा ही नहीं हो।और अब उनकी दमित इक्षाओं का ऐसा विस्फोट-महा-विस्फोट। संभवतः अपनी दमित इक्षाओं की प्रतिक्रिया में वे देशप्रेम ,कला -संस्कृति और देशद्रोह का फर्क भूल बैठे।।वे भूल बैठे कला-साहित्य -सिनेमा-समाज -संस्कृति की विरासत , वे कर बैठे समाज शास्त्रीय डांचे की अवहेलना केवल केवल अपनी रुग्ण दमित इक्षाओं की खातिर। दहशत-गर्दी का वो प्रतिनिधि ,मुंबई हमलो का व्यवथापक ,जिसे आप मात्र खिलोना कहते हैं -निदा साहब -खिलोना बना ही क्यों यह जान पाने के लिए आपको अपसामान्य और समाज मनोविज्ञान का अध्धयन -चिंतन और अनुपालन करना होगा। अगर अगर निदा साहब आप ऐसा ही सोचते हैं तो अमिताभ बच्चन को गदा गया हैं।और आपके लिए वो कलाकार के तौर और घ्रणित हैं तो आपका दाइत्व 40 साल से यह हैं आप किसी और खिलोने को गड़ दे -जिससे हिन्दुस्तान ऐसी ही बेपनाह मोहबात करे- हां हम आपके गड़े हुए खिलोने का ऐसा घिनोना मजाक कभी न बनायेगे।आदित्य आफ़ताब "इश्क़" aditya aaftab 'ishq'https://www.blogger.com/profile/01695360902881473207noreply@blogger.com