tag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post8247016903639049077..comments2024-03-26T08:08:47.284-07:00Comments on हाहाकार: तुलसी और कबीर के निकष अलगअनंत विजयhttp://www.blogger.com/profile/04532945027526708213noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-9405846710387682592022-11-09T12:15:21.316-08:002022-11-09T12:15:21.316-08:00भाई दोनो आच्छे कवी थे दोनो मे तुलना इंसानो ने की द...भाई दोनो आच्छे कवी थे दोनो मे तुलना इंसानो ने की दोनो कवी माहान है श्री तुलसीदास जी श्री कबीर दास जी Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-23809813684558340602022-04-09T00:55:21.738-07:002022-04-09T00:55:21.738-07:00KABIR TO SIR KABIR HAI, KABIR JAISA KOI DUNIA ME N...KABIR TO SIR KABIR HAI, KABIR JAISA KOI DUNIA ME NA HOYE HAI NA KABHI HOVEGA.<br />KABIR HIRO ME KOHINOOR HAI, SACHHA HAI, SADA HAI, SAF HAI AUR SAMAJ ME KURITIYO SE LADANE WALE MAHAN YODDHA HAI,<br />SACH ME KABIR KABIR HAI, AAJ DESH KO KABIR KI AAVASHYAKATA HAI.Narendra Das Manikpurihttps://www.blogger.com/profile/12060224083820497318noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-76245586278127101712021-10-18T05:47:21.941-07:002021-10-18T05:47:21.941-07:00तुम नालायक हो।
तुलसी दास ने रामायण बनाई तो वह बड़ा...तुम नालायक हो।<br />तुलसी दास ने रामायण बनाई तो वह बड़ा हो गए अरे रामायण पहले से थी ही बनी हुई। तुलसीदास ने फिर अपने अनुसार बना दी।<br />और कबीर जी ने कोई वेदों का विरोध नही किया बल्कि वेद को मानते थे किसी की बातों मैं आकार faktu बकवास ना करे। दोनो अपनी जगह सही है।<br />अब मुझे बता दे जब कोई इंसान घमंड करता है तो तब किसकी वाणी याद आती है कभी तुलसीदास जी सुनी।<br />कबीर जी को सुनी बोली जाती की बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर,........दूर।<br />कोई घमंड पर चले और सबको मिटी समझे तो तुलसीदास की वाणी सुना जरा,।<br />कबीर जी की बोली जाती है माटी कहे कुम्हार से तु क्यों रोहंदे मोहे एक दिन ऐसा आएगा मैं रोंदू ग तोय।<br />ऐसी हजारों वानिया है जो सीधा असली जिंदगी से मेल खाती है मुझे ये वानिया बता किसी से कॉपी की गई हो तो।Bhagwat geeta ka mool gyanhttps://www.blogger.com/profile/00215745590555952487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-22185200129391523462021-10-18T05:41:12.038-07:002021-10-18T05:41:12.038-07:00 तो दाना दो पीस ही जायेगा।। तो दाना दो पीस ही जायेगा।।Bhagwat geeta ka mool gyanhttps://www.blogger.com/profile/00215745590555952487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-55623382771369655852021-10-18T05:40:03.756-07:002021-10-18T05:40:03.756-07:00पहली बात भगवान अल्लाह चहतही नही लोग मंदिर तक सीमित...पहली बात भगवान अल्लाह चहतही नही लोग मंदिर तक सीमित रहेBhagwat geeta ka mool gyanhttps://www.blogger.com/profile/00215745590555952487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-52476490054354665602021-10-18T05:38:53.458-07:002021-10-18T05:38:53.458-07:00अक्ल है या नही उन्होंने कोई वेद की निंदा नही की और...अक्ल है या नही उन्होंने कोई वेद की निंदा नही की और कबीर जी पहले से ब्रह्म ज्ञान जानते थे इसलिए उन्हें पढ़ाई को जरूरत नही पड़ी आम लोगो की तरह वरना 1,2 क्लास से कबीर जी की ऐसी वानिया है जो सीधा दिल पर तीर लगाती है।। और असलियत दिखाती है। क्या वह वेद की निंदा करेंगे।।<br />Bhagwat geeta ka mool gyanhttps://www.blogger.com/profile/00215745590555952487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-9823649550645070662021-07-04T07:43:41.801-07:002021-07-04T07:43:41.801-07:00कबीर कोई पढा लिखा नहीं था तंबूरे गाता फक्कड़ी भाषा ...कबीर कोई पढा लिखा नहीं था तंबूरे गाता फक्कड़ी भाषा उल्टे सीधे भजन बनाये वेद की भी इसने निंदा की पर गोस्वामी तुलसीदास जी वेदों ,सँस्कृत के बहुत बड़े विद्वान थे ,अगर तुलसी जी मे और इस कबीर में तुलना की जाए तो तुलसीदास जी खरा सोना ,कबीर मिट्टी हैं कहाँ अपढ़,कुपड़, जाहिल कबीर अब तो उसके चेलों ने उसको भगवान बना लिया है और कहां वेद के विद्वान तुलसीदास जीAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/06638155152521113670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-66001321442998317232021-07-04T07:36:33.347-07:002021-07-04T07:36:33.347-07:00कबीर पढ़े लिखे नहीं थे उन्होंने कहीं कहीं वेद की नि...कबीर पढ़े लिखे नहीं थे उन्होंने कहीं कहीं वेद की निदा की है और तुलसी दास जी बहुत बड़े विद्वान थे उन्होंने वेद की बात की हैAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/06638155152521113670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-12388522276015517352020-11-16T16:23:19.398-08:002020-11-16T16:23:19.398-08:00कुछ भी। तुलसीदास का यह दोहा कोंन से साहित्य में लि...कुछ भी। तुलसीदास का यह दोहा कोंन से साहित्य में लिखा है<br /><br />चाकी चले तो चलने दे कबीर तू मत रोय<br />कील पकड़ के अड़े रहो तो बाल ना बाका होय।<br /><br />चाकी चाकी सब कहे किली कहे ना कोय<br />जो किली से अड़े रहो वाको बाल ना बाका होय<br /><br />कबीरParas nayakhttps://www.blogger.com/profile/04640943599875897383noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-56839260612106034542020-06-26T00:34:18.080-07:002020-06-26T00:34:18.080-07:00इसके काट तो तुलसीदास जी के पास ही थी
यह मूर्ति पूज...इसके काट तो तुलसीदास जी के पास ही थी<br />यह मूर्ति पूजा का विरोधी था कबीर दास जी<br />इसने कहा<br />चलती चक्की देखकर दिया कबीरा रोए दो पाटों के बीच में साबुत बचा न कोई<br />फिर तुलसीदास जी ने कहा<br />चलती चक्की देखकर रहा तुलसा हरसाय<br />किले के दाना लगे वह दाना बच जाए<br />अर्थात <br />संसार रूपी 2 पार्ट है जिसमें किल्ले रुपी भगवान का आश्रय लेकर बचा जा सकता है<br />इसके और भी दोहो की आलोचना की है तुलसीदास जी नेPramod Sharmahttps://www.blogger.com/profile/16400941181068085434noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-2163427260744989772020-04-16T23:15:47.441-07:002020-04-16T23:15:47.441-07:00
संवाद जी के कथन से प्रेरित होकर लिख रहा हूँ , मैं...<br />संवाद जी के कथन से प्रेरित होकर लिख रहा हूँ , मैं तो निम्नलिखित उद्धरण को पढ़कर ही धन्य हो गया । साधुवाद ! <br /><br /><br />डॉ रामविलास शर्मा ने निराला की साहित्य साधना में लिखा है- अंग्रेजी और बांग्ला के अनेक कवियों के नाम गिनाने के बाद एक दिन निराला बोले- ‘इन सब बड़ेन क पढ़ित है तो ज्यू जरूर प्रसन्न होत है पर जब तुलसीदास क पढ़ित है तो सबका अलग धरि देइत है। हमार स्वप्न इहै सदा रहा कि गंगा के किनारे नहाय के भीख मांगिके रही और तुलसीदास कै पढ़ी।<br /> <br />Gopal Sharmahttps://www.blogger.com/profile/06027731554410032389noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-62667947159982105302020-04-16T23:14:54.611-07:002020-04-16T23:14:54.611-07:00
संवाद जी के कथन से प्रेरित होकर लिख रहा हूँ , मैं...<br />संवाद जी के कथन से प्रेरित होकर लिख रहा हूँ , मैं तो निम्नलिखित उद्धरण को पढ़कर ही धन्य हो गया । साधुवाद ! <br /><br /><br />डॉ रामविलास शर्मा ने निराला की साहित्य साधना में लिखा है- अंग्रेजी और बांग्ला के अनेक कवियों के नाम गिनाने के बाद एक दिन निराला बोले- ‘इन सब बड़ेन क पढ़ित है तो ज्यू जरूर प्रसन्न होत है पर जब तुलसीदास क पढ़ित है तो सबका अलग धरि देइत है। हमार स्वप्न इहै सदा रहा कि गंगा के किनारे नहाय के भीख मांगिके रही और तुलसीदास कै पढ़ी।<br /> <br />Gopal Sharmahttps://www.blogger.com/profile/06027731554410032389noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-59614726410722601122020-03-27T01:43:38.920-07:002020-03-27T01:43:38.920-07:00महोदय, आपके लेख में उल्हाने ही उल्हाने हैं कंटेंट ...महोदय, आपके लेख में उल्हाने ही उल्हाने हैं कंटेंट नहीं। samvaadhttps://www.blogger.com/profile/02937115668575659407noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-88259085397820714832020-01-11T04:38:09.052-08:002020-01-11T04:38:09.052-08:00बेहतरीन विश्लेषण! धन्यवाद, अनंत विजय, विजयी भव!बेहतरीन विश्लेषण! धन्यवाद, अनंत विजय, विजयी भव!Shankar Sharanhttps://www.blogger.com/profile/10300564694756761367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-56984401765251894462018-09-13T03:17:27.406-07:002018-09-13T03:17:27.406-07:00Agar bhagvan hote to madhykal me mandiro ko tutne ...Agar bhagvan hote to madhykal me mandiro ko tutne se rok late. Agar allah hota to babri masjid ko tutne se rok lata. Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01933054062387258368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-74647739008099650932018-09-13T03:15:59.887-07:002018-09-13T03:15:59.887-07:00Agar bhagvan hote to madhykal me mandiro ko tutne ...Agar bhagvan hote to madhykal me mandiro ko tutne se rok late. Agar allah hota to babri masjid ko tutne se rok letaAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/01933054062387258368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-18507745047158149942018-06-29T01:22:26.428-07:002018-06-29T01:22:26.428-07:00सच्चे अर्थों में देखा जाए तो साम्प्रदायिकता के माम...सच्चे अर्थों में देखा जाए तो साम्प्रदायिकता के मामले में कबीर अद्भुत मिसाल पेश करते हैं आज हम जहां नदियों और तालाबों तक का धर्म के हिसाब से विभाजन कर चुके हैं वहां कबीर दोनों के लिए समान आदर्श हैं(कठमुल्लों और कट्टरवादियों को छोड़करAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/00060746171553094035noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-32185416843934804632018-06-29T01:22:10.090-07:002018-06-29T01:22:10.090-07:00सच्चे अर्थों में देखा जाए तो साम्प्रदायिकता के माम...सच्चे अर्थों में देखा जाए तो साम्प्रदायिकता के मामले में कबीर अद्भुत मिसाल पेश करते हैं आज हम जहां नदियों और तालाबों तक का धर्म के हिसाब से विभाजन कर चुके हैं वहां कबीर दोनों के लिए समान आदर्श हैं(कठमुल्लों और कट्टरवादियों को छोड़करAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/00060746171553094035noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-39925386790986852472017-06-03T08:24:52.160-07:002017-06-03T08:24:52.160-07:00आपका लेख विचारपूर्ण है।यह सही आलोचना है। वास्तव मे...आपका लेख विचारपूर्ण है।यह सही आलोचना है। वास्तव में वामपंथ ने बहुत नुकसान किया है। यह देश की सांस्कृतिक मिठास के लिए ज़रूरी है कि सही बातें कहने का साहस किया जाए जो आपके इस लेख के माध्यम से आया। बहुत बशूट बधाई।प्रज्ञा पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/03650185899194059577noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-66688611440475775912017-06-02T09:30:01.079-07:002017-06-02T09:30:01.079-07:00tulsi das ji ki tulna kabir se nahi ki ja sakti ag...tulsi das ji ki tulna kabir se nahi ki ja sakti agar aaj ke shandarv me kahe kabir fast food hain or tulsi das jai pura aahar koi mane na mane gahrai me jayan to tulsi das jiwan ka darpan hain jiwan ka saar hain jiwan ki shampuran khushiyan hain ramayan par mera sodh karne ka bahot man hain par kuch jiwan ke daitawa hain wo pura ho jaye ram ji kirpa rahi to ramayan par khash kar tulsi das ji ramayan par sodh karne ka man hain ram ramAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/12935829460469685671noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-58606351331604572392017-06-01T22:06:07.338-07:002017-06-01T22:06:07.338-07:00आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन ’कर्णम मल्लेश्वरी क...आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2017/06/blog-post.html" rel="nofollow">’कर्णम मल्लेश्वरी को जन्मदिन की शुभकामनायें और ब्लॉग बुलेटिन’</a> में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगरhttps://www.blogger.com/profile/16515288486352839137noreply@blogger.com