tag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post7205697448592551039..comments2024-03-26T08:08:47.284-07:00Comments on हाहाकार: लापरवाहियों से खंडित होता इतिहासअनंत विजयhttp://www.blogger.com/profile/04532945027526708213noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-46949573960299805392021-07-20T07:11:07.421-07:002021-07-20T07:11:07.421-07:00सार्थक प्रस्तुति ।सार्थक प्रस्तुति ।Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-54336654498305038222021-07-18T22:41:25.283-07:002021-07-18T22:41:25.283-07:00जय मां हाटेशवरी.......
आपने लिखा....
हमने पढ़ा.......जय मां हाटेशवरी.......<br />आपने लिखा....<br />हमने पढ़ा......<br />हम चाहते हैं कि इसे सभी पढ़ें.....<br />इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना.......<br />दिनांक 20/ 07/2021 को.....<br /><a href="https://www.halchalwith5links.blogspot.com" rel="nofollow">पांच लिंकों का आनंद पर</a>.....<br />लिंक की जा रही है......<br />आप भी इस चर्चा में......<br />सादर आमंतरित है.....<br />धन्यवाद।<br />kuldeep thakurhttps://www.blogger.com/profile/11644120586184800153noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-77645540503572891552021-07-18T22:41:03.766-07:002021-07-18T22:41:03.766-07:00जय मां हाटेशवरी.......
आपने लिखा....
हमने पढ़ा.......जय मां हाटेशवरी.......<br />आपने लिखा....<br />हमने पढ़ा......<br />हम चाहते हैं कि इसे सभी पढ़ें.....<br />इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना.......<br />दिनांक 20/ 07/2021 को.....<br /><a href="https://www.halchalwith5links.blogspot.com" rel="nofollow">पांच लिंकों का आनंद पर</a>.....<br />लिंक की जा रही है......<br />आप भी इस चर्चा में......<br />सादर आमंतरित है.....<br />धन्यवाद।<br />kuldeep thakurhttps://www.blogger.com/profile/11644120586184800153noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-8921957985566231862021-07-18T07:59:40.263-07:002021-07-18T07:59:40.263-07:00"अब वक्त आ गया है कि साहित्य में वामपंथ की गल..."अब वक्त आ गया है कि साहित्य में वामपंथ की गलतियों और उनको ढ़कने और छुपाने की प्रवृत्ति को रेखांकित किया जाए।"<br />बिलकुल सही कहा आपने।शिवम कुमार पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/04835045259840214933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-55746291905097954962021-07-17T19:50:45.587-07:002021-07-17T19:50:45.587-07:00छपने छपाने और पल में लोकप्रिय होने के चक्कर में रा...छपने छपाने और पल में लोकप्रिय होने के चक्कर में रायता फैल गया। जीवनी लिखना गम्भीर कार्य है, और जिस सतही तरीके से इसे लिखने की प्रक्रिया सामने आई है वह निराशाजनक है. कमाल यह भी है कि यदि ये अपने कहे लिखे से मुकरने का दौर है तो फिर तत्कालीन प्रतिक्रिया क्या महत्वहीन नहीं हो गई?? यानी आज किसी से किसी विषय पर प्रतिक्रिया ली और 5 साल बाद किसी सन्दर्भ में उसे देखें तो पहले जाकर पूछा जाए आपने जो कहा था क्या वह सही है? यदि नहीं है तो फिर वह क्या था जो उस समय कहा था? और अब आप क्या हैं जो उससे मुकर रहे हैं? ☺️शानदार लिखा है आपने। सारंग उपाध्यायhttps://www.blogger.com/profile/17795587397011357768noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9085022637942949290.post-20240374061907724982021-07-17T18:36:43.196-07:002021-07-17T18:36:43.196-07:00नामवर सिंह जी ने एक लंबा जीवन जिया है। वे विभिन्न ...नामवर सिंह जी ने एक लंबा जीवन जिया है। वे विभिन्न लोगों और संगठनों से जुड़े। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ना इसी का एक हिस्सा रहा होगा। अपने साक्षात्कार में वे स्वयं कह रहे हैं कि जब उन्हें संघ के भीतर भी कुछ कमियां नजर आईं तो उन्होंने उसे छोड़ दिया। यहां सारी बात कहकर मुकर जाने की है, जो कि नहीं होनी चाहिए थी। सत्य तो 3 लोग ही जानते होंगे- स्वर्गीय नामवर सिंह जी, विश्वनाथ त्रिपाठी जी और नामवर जी के जिले के वे लोग जो उस समय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े थे!रश्मि की कलम सेhttps://www.blogger.com/profile/16971374648864709451noreply@blogger.com