Wednesday, November 9, 2016

कालेधन पर मोदी प्रहार

मंगलवार को जब खबर आई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को संबोधित करनेवाले हैं तो तमाम मीडिया कंपनियों के न्यूजरूम में इस बात के कयास लगाए जाने लगे कि प्रधानमंत्री पाकिस्तान को लेकर किसी बड़े कदम का एलान कर सकते हैं लेकिन प्रधानमंत्री ने तो कुछ और ही तय कर रखा था । पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद मोदी सरकार ने कालेधन के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला किया था और उसका ही एलान नरेन्द्र मोदी ने किया । उन्होंने काले धन के खिलाफ बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ये एलान कर दिया कि आधी रात के बाद पांच सौ और हजार रुपए के नोट जो चलन में हैं वो अब महज कागज का टुकड़ा रह जाएंगे । इस ऐलान के बाद पूरे देश में कोलाहल और कूतूहल का माहौल बन गया । आमलोगों को ये चिंता सताने लगी कि उनके संचित धन का क्या होगा लेकिन थोड़े वक्त के बाद ही ये बात साफ हो गई कि चंद दिनों की दिक्कत है उसके बाद सब सामान्य हो जाएगा । बैंकों को तैयारी के लिए एक दिन का वक्त दिया गया । ये सब तो प्रक्रियागत बाते हैं लेकिन जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में मौजूदा सरकार ने ये साहसिक कदम उठाया है उससे एक बार फिर साफ हो गया है कि नरेन्द्र मोदी देश की बेहतरी के लिए खतरे उठाने को तैयार हैं । पहले पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक का सार्वजनिक एलान और उसके बाद पांच सौ और हजार के नोट को बंद कर नए नोट का एलान । वो भी तब जबकि उत्तर प्रदेश, पंजाब और गोवा में विधानसभा के चुनाव होने हैं । इन चुनावों को जीतने के लिए बीजेपी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है । चुनावों में हर पार्टी धनबल का इस्तेमाल करती है और बीजेपी उससे अछूती नहीं है लेकिन विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को होनेवाली दिक्कतों को दरकिनार देशहित में फैसला ले लिया ।
नरेन्द्र मोदी ने अपने दो साल के कार्यकाल में अपनी छवि के मुताबिक काम नहीं करके संभल कर फैसले लिए लेकिन अब वो खुलकर खेल रहे हैं । पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर पाकिस्तानियों के मारने के फैसले के बाद काले धन पर उनका ये फैसला मोदी स्टाइल है । गुजरात के जमाने से मोदी को जानने वालों का कहना है कि मोदी इस तरह के फैसले से लोगों को चौंकाते रहे हैं । कालाधन पर ऐतिहासिक कदम उठाकर मोदी ने उद्योगपतियों के हितों के प्रति नरम होने के आरोपों को भी नकार दिया। माना जाता है कि उद्योगपतियों के पास काफी कालाधन होता है और ये भी आरोप लगे थे कि दो हजार चौदह के चुनाव के वक्त उद्योगपतियों ने उनका जमकर साथ दिया था । अगर ऐसा था तो मोदी ने अपने साथियों की भी परवाह नहीं की और एक झटके में सबको हिलाकर रख दिया। प्रदानमंत्री मोदी ने देश के नाम अपने रेडियो संदेश में पिछले महीने इल बात के संकेत दे दिए थे कि सरकार इस तरह का कोई कदम उठाने जा रही है और मंगलवार को उन्होंने अपने कदम का एलान कर दिया ।

इस कदम से एक साथ भ्रष्टाचार,कालाधन और आतंकवाद पर प्रहार हुआ है । इन तीनों के नापाक गठजोड़ को तोड़ने के लिए कुछ इसी तरह के कदम उठाने की जरूरत थी । पांच सौ और एक हजार करोड़ के जो नोट इस वक्त चलन में हैं उनका जोड़ करीब एक लाख साथ हजार करोड़ है और इन नोटों को बंद करने के सरकारी फैसले से मोदी ने अर्थव्यवस्था को रिस्टार्ट कर दिया है । संभव है कि शुरुआती कुछ दिनों में पूरे देश में अफरातफरी का माहौल हो लेकिन इतना तय है कि ईमानदारी से पैसे कमानेवालों और उसको अपने पास रखनेवालों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए । बैंकों को इस बारे में तैयार किया जा रहा है । बैंकों में पैसे जमा करने कोई रोक टोक नहीं है, लोगों को दिक्कत ना हो इसके लिए पैसे बदलने की एक सीमा तय की गई है । कालाधन रखनेवालों को भी सरकार ने मौका दिया था जब तीस सितंबर तक स्कीम के तहत पैसों के बारे में डिक्लरेशन करना था । कुछ लोगों ने किया भी लेकिन जितने काले धन का अनुमान है उससे वो राशि बहुत कम थी । इस कदम के बाद अब सरकार को ब्लैक मनी जेनरेशन पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है क्योंकि दो हजार के नोट के स्रकुलेशन में आने के बाद कालेधन के धंधेबाजों को एक अवसर मिल सकता है । 
(नारद न्यूज 9.11.2016)

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