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Sunday, November 29, 2020

आभासी दुनिया में जीवंत होगी कलाएं


कोरोना के संकट से हमारा पूरा समाज प्रभावित हुआ। समाज को सहज होने और वातावरण को सामान्य होने में समय लगेगा। इस दौर में कलाओं के प्रदर्शन में भी बाधाएं आ रही हैं। कई महत्वपूर्ण और महात्वाकांक्षी योजनाओं को आकार लेने में विलंब हो रहा है। लेकिन कुछ लोग होते हैं जो विकल्पपहीनता को चुनौती की तरह लेते हैं और जहां चाह वहां राह की उक्ति को चरितार्थ करने में जुट जाते हैं। ऐसी  ही एक शख्सियत हैं अभिषेक पोद्दार और उपक्रम है म्यूजियम ऑफ आर्ट एंड फोटोग्राफी (एमएपी)। बेंगलुरू में इस वर्ष दिसंबर में म्यूजियम ऑफ आर्ट एंड फोटोग्राफी का शुभारंभ होनेवाला था लेकिन कोरोना संकट की वजह से इसमें देरी हो रही थी। अभिषेक पोद्दार ने आपदा को अवसर में बदलते हुए ये तय किया गया कि म्यूजियम ऑफ आर्ट एंड फोटोग्राफी को आभासी दुनिया यानि डिजीटल फॉर्मेट में लांच किया जाए। उनका मानना है कि बेंगलुरू की एक इमारत में संग्रहालय को जितने लोग देख सकते हैं उससे कहीं अधिक लोग इसको डिजीटल फॉर्मेट में देख सकते हैं। उन्होंने दैनिक जागरण को बताया कि इस आभासी संग्रहालय को लांच करने के पहले उन्होंने ऑनलाइन ऑडियंस के साथ कई तरह के प्रयोग किए। उसके सकारात्मक नतीजे मिले। म्यूजियम ऑफ आर्ट एंड फोटोग्राफी के संस्थापक ट्रस्टी अभिषेक पोद्दार खुद देश के जाने-माने कला संग्रहकर्ता और संरक्षक हैं। अभिषेक पोद्दार पिछले पैंतीस साल से कलाकृतियों का संग्रह कर रहे हैं। उनका मानना है कि म्यूजियम ऑफ आर्ट एंड फोटोग्राफी का डिजीटल लॉंच उनके अपने लक्ष्य को हासिल करने की शुरुआत है। अभिषेक के मुताबिक ‘इस चुनौतीपूर्ण समय में संग्रहालय और सांस्कृति संस्थाओं को अपने आप को प्रासंगिक बनाने के बारे में विचार करना चाहिए। म्यूजियम ऑफ आर्ट एंड फोटोग्राफी का डिजीटल लॉंच एक नए म्यूजियम के साथ एक नए युग का भी सूत्रपात करेगा। दक्षिण भारत के इस पहले निजी कला संग्रहालय की स्थापना का उद्देश्य देश में एक ऐसी संस्कृति विकसित करना है जहां लोग अपनी सांस्कृतिक विरासत को देख सकें। कला और संस्कृति से आत्मीय तादात्मय स्थापित कर सकें। इस संग्रहालय का उद्देश्य कला को अपने देश के लोगों के अलावा पूरी दुनिया तक पहुंचाना है। ‘आनेवाले दिनों में संग्रहालय के डिजीटल प्लेटफॉर्म पर हिंदी और कन्नड़ भाषा का विकल्प भी मौजूद रहेगा। जिससे अधिक लोग इससे जुड़ सकेंगे।

म्यूजियम ऑफ आर्ट एंड फोटोग्राफी  के डिजीटल शुभारंभ के अवसर पर एक सप्ताह का एक कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है। अभिषेक पोद्दार ने बताया कि वो इस कार्यक्रम के माध्यम से कला और साहित्य का उत्सव मनाने जा रहे हैं। जिसके माध्यम से लोगों को ये बताया जाएगा कि कला उऩके दैनंदिन जीवन का एक अंग है। ‘आर्ट इज लाइफ’ के नाम से 5 से 11 दिसंबर तक आयोजित होनेवाले इस वर्चुअल कार्यक्रम में संगीत, नृत्य, कविता, तकनीक जैसे विषयों पर विषय विशेषज्ञों के साथ संवाद होगा। इसमें गीतकार जावेद अख्तर, अभिनेत्री शबाना आजमी और नंदिता दास, रंगमंच की दुनिया से अरुंधति नाग, नृत्यांगना मालविका सरुक्काई, बिजनेस से किरण मजूमदार शॉ, लेखिका सुधा मूर्ति और इतिहासकार विलियम डेलरिंपल जैसी हस्तियां शामिल होंगी। म्यूजियम ऑफ आर्ट एंड फोटोग्राफी की निदेशक कामिनी साहनी के मुताबिक ‘आर्ट इज लाइफ की शुरुआत इस बात से होगी कि कैसे कलाएं एक दूसरे से जुड़ी होकर एक दूसरे को समृद्ध करती हैं।‘ आर्ट इज लाइफ के शुभारंभ के साथ ही ‘म्यूजियम विदाउट बॉर्डर’ की शुरुआत भी होगी। इसके तहत पचास विदेशी संस्थाओं के साथ साझेदारी की जाएगी। 

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