हम दिल दे चुके सनम, नाम से ही पता चलता है कि ये प्रेम कहानी है। शीर्षक में चुके शब्द इस बात की ओर भी संकेत करता है कि ये प्रेम त्रिकोण होगा। आज से 25 वर्ष पूर्व फिल्म हम दिल दे चुके सनम प्रदर्शित हुई थी। इसमें सलमान खान और ऐश्वर्या राय के साथ तीसरे कोण के रूप में अजय देवगन थे। उस समय की फिल्मी पत्रिकाओँ में इस बात की चर्चा मिलती है कि निर्देशक संजय लीला भंसाली अपनी फिल्म में अभिनेत्री के रूप में माधुरी दीक्षित को लेना चाह रहे थे। माधुरी के पास डेट्स की समस्या थी। माधुरी के इंकार के बाद दूसरी नायिका की तलाश आरंभ हुई। इसी दौर में संजय लीला भंसाली ने ऐश्वर्या को कहीं देखा और तय कर लिया कि यही उनकी फिल्म की नायिका है। ऐश्वर्या राय तबतक मिस वर्ल्ड का खिताब जीतकर तमिल फिल्मों में सफल हो चुकी थीं। हिंदी फिल्मों में सफलता मिलनी शेष थी। ऐश्वर्या की मुस्कुराहट को फिल्म समीक्षक प्लास्टिक मुस्कान करार दे चुके थे। इस स्थिति में संजय लीला भंसाली ने ऐश्वर्या को अपनी फिल्म में कास्ट करने का जोखिम उठाया। उसके बाद की कहानी को इतिहास बन गई। फिल्म जबरदस्त हिट रही थी। हलांकि इसके बाद सलमान और ऐश्वर्या राय ने कभी भी एक साथ किसी फिल्म में लीड रोल नहीं किया।
हम दिल दे चुके सनम फिल्म का कथानक मैत्रेयी देवी के उपन्यास ना हन्यते और रोमानिया के लेखक मिरसिया के उपन्यास से प्रेरित लगता है। फिल्म के रिलीज होने के बाद इसकी चर्चा भी हुई थी। मिरसिया के उपन्यास का नायक भी भारत पढ़ने आया था, नायिका के घर रुका था, साथ पढ़ाई की थी, प्रेम हुआ था और फिर अलगाव। उपन्यास में बंगाल का परिवेश है जबकि फिल्म में गुजरात का। कथानक का फिल्मांकन संजय लीला भंसाली ने बेहद खूबसूरती के साथ किया है। विदेशी लोकेशन पर आकर्षक दृश्यों मे फिल्म की कहानी के साथ न्याय किया है। फिल्म रिलीज होने के पहले ही इसके गाने दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय हो चुके थे। कविता कृष्णूमूर्ति और करसन की आवाज में गाया गाना ‘निंबूड़ा निंबूडा’ हो या कविता विनोद राठौर और करसन की आवाज में गाया ‘ढोली तारो ढोल बाजे’ हो आज भी पसंद किए जाते हैं। संजय लीला भंसाली की एक विशेषता ये है कि वो अपनी फिल्म में लोक से उठाकर एक गीत अवश्य रखते हैं। बोल और संगीत भी उसी अनुसार तय करते हैं। आप पद्मावत का गाना घूमर घूमर या बाजीराव मस्तानी का पिंगा गपोरी याद करिए। भंसाली भारतीय लोक के मन को पकड़ना जानते हैं। उन्होंने हम दिन दे चुके सनम के गीतों से दर्शकों को खींचा।
इन दिनों इंदौर की एक लड़की का अपने प्रेमी के लिए पति का कत्ल करने का समाचार चर्चा में है। हम दिल दे चुके सनम की नायिका नंदिनी माता पिता की मर्जी से शादी करती है। वो समीर से प्यार करती है लेकिन शादी वनराज से करनी पड़ती है। पति को जब समीर के बारे में पता चलता है तो वो उसकी खोज में पत्नी के साथ इटली जाता है। वहां नंदिनी और समीर मिलते हैं। दोनों को साथ छोड़कर वनराज वहां से हट जाता है। समीर अपने सामने नंदिनी को पाकर बेहद खुश है। कहता है कि मुझे पता था कि तुम जरूर आओगी, आई लव यू। वो उसको अपने आलिंगन में लेता है लेकिन नंदिनी बेजान सी खड़ी रही है। कहती है, चाहने और हासिल करने में बहुत फर्क है। बात आगे बढ़ती है तो नंदिनी अपने प्रेमी को कहती है, प्यार करना तुमने सिखाया लेकिन प्यार निभाना मैंने अपने पति से सीखा। रोचक संवाद के बाद नंदिनी आंसू पोछती है और अपने प्रेमी को छोड़कर पति के पास वापस लौट जाती है। आज इस बात को लेकर हिंदी के फिल्मकार परेशान हैं कि उनकी फिल्में सफल नहीं हो रही हैं। असफलता का एक कारण ये हो सकता है कि हिंदी फिल्में भारतीय मूल्यों से दूर चली गई हैं जो दर्शकों को भा नहीं रही हैं।