शाम ढल चुकी थी, समंदर की लहरें हिलोरें ले रही थीं, हवा में थोड़ी ठंडक थी, मुंबई(तब बांबे) की सड़क पर एक फिएट कार धीमी गति से चली जा रही थी। नई चमचमाती उस कार को अभिनेता सुनील दत्त चला रहे थे और उनकी बगल वाली सीट पर उस वक्त फिल्मों की सफल अभिनेत्री नर्गिस बैठी हुई थीं। शूटिंग खत्म होने के बाद सुनील दत्त, नर्गिस को छोड़ने उनके घर जा रहे थे। कार की खिड़की का शीशा थोड़ा खुला था और ठंडी हवा सुनील दत्त के गालों को छूकर निकल रही थी। पर सुनील दत्त के माथे पर पसीने की बूंदें थीं, वो बार-बार नर्गिस से कह रहे थे, ‘मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं’ जब नर्गिस ने बोला कहिए तो वो चुप हो गए। फिर सुनील दत्त ने कहा कि ‘मैं आपसे कुछ पूछना चाहता हूं’। नर्गिस ने फिर कहा फर्माएं। लेकिन वो फिर खामोश। इसी तरह से बातचीत चल रही थी और कार भी अपने रफ्तार से अपनी मंजिल की ओर बढ़ रही थी। सुनील दत्त के दिल की बात जुबां पर आ नहीं पा रही थी। उनको लग रहा था कि अगर नर्गिस ने मना कर दिया तो उनका क्या होगा? इतने में नर्गिस का घर आ गया। सुनील दत्त ने गाड़ी रोकी तो नर्गिस ने उनकी तरफ इस तरह से देखा जैसे आंखें कोई पर्सनल सा सवाल करना चाह रही हों। लेकिन वो भी कुछ कह नहीं पाईं और कार का दरवाजा खोलकर उतरने लगीं। तब सुनील दत्त ने लंबी सांस लेकर कहा ‘मैं तुमको पसंद करता हूं और तुमसे शादी करना चाहता हूं’ । नर्गिस ने सुनील दत्त की बातें सुनीं और कार का दरवाजा बंद करके बगैर कोई उत्तर दिए अपने घर की ओर चल पड़ीं। अब सुनील दत्त परेशान। अपनी पसंदीदा फिएट कार लेकर वो वापस घर की ओर लौटे। किसी तरह बेचैनी में रात कटी। उन्होंने मन ही मन तय कर लिया था कि अगर नर्गिस ने उनके प्रणय निवेदन को स्वीकार नहीं किया तो वो हरियाणा में अपनी मां के गांव लौट जाएंगे।
किसी तरह रात कटी, सुनील दत्त अगले दिन तैयार होकर शूटिंग पर चले गए। दिनभर बेचैन रहे। नर्गिस का कोई उत्तर या उनकी तरफ से कोई संकेत उनतक नहीं पहुंचा। शाम को काम खत्म करके वो अपनी फिएट से वापस घर लौट आए। बुझे बुझे से जब सुनील दत्त अपने घर में दाखिल हुए तो उऩकी बहन रानी खुशी से चहक रही थीं। उन्होंने सुनील दत्त का हाथ पकड़कर कहा ‘भाई मुबारक हो’। बेमन से सुनील दत्त ने पूछा ‘किस बात की बधाई’। तो उनकी बहन ने कहा कि ‘उन्होंने हां कर दी है’। सुनील दत्त कुछ देर के लिए समझ ही नहीं पाए कि किन्होंने हां कर दी है। वो कुछ पूछते तबतक रानी ने ही राड खोला, ‘नर्गिस जी आई थीं और उन्होंने रजामंदी दे दी है’। सुनील दत्त की खुशी का पारावार नहीं रहा। वो मुस्कुराते हुए अपने कमरे में चले गए। ये किस्सा सुनील और नर्गिस की बेटी नम्रता दत्त ने अपनी किताब में विस्तार से लिखी है। लोकचर्चा इस बात की होती है कि ‘मदर इंडिया’ फिल्म में आग से बचाने की वजह से नर्गिस ने सुनील दत्त को प्रपोज किया था लेकिन सचाई ये है कि सुनील दत्त ने उनको अपनी फिएट कार में प्रपोज किया था। यही वजह है कि सुनील दत्त ने बहुत पुरानी हो जाने के बाद भी अपनी उस 1933 नंबर की फिएट कार को अपने पास रखे रखा था। ‘मदर इंडिया’ में आग की घटना के बाद दोनों के बीच प्यार और गहरा जरूर हुआ था।
अब नर्गिस ने हां तो कर दी थी लेकिन दोनों अपने प्यार की और शादी की बात सार्वजनिक नहीं कर पा रहे थे। फिल्म ‘मदर इंडिया’ के निर्माता निर्देशक महबूब खान नहीं चाहते थे कि उनकी फिल्म रिलीज के पहले इस प्यार की खबर बाहर निकले। उनका मानना था कि अगर नर्गिस और सुनील दत्त के प्यार और रोमांस की खबरें छपीं तो उनकी फिल्म फ्लॉप हो जाएगी। उनकी सोच थी कि भारतीय दर्शक इस बात को स्वीकार नहीं कर पाएंगे कि फिल्मी पर्दे पर मां बेटा की भूमिका निभाने वाले कलाकार असल जीवन में शादी करने जा रहे हैं और रोमांस कर रहे हैं। उन्होंने दोनों पर दबाव बनाया कि वो अपने प्यार को छिपा कर रखें। दूसरी दिक्कत ये थी नर्गिस के बड़े भाई अख्तर इस विवाह के खिलाफ थे। खैर 11 मार्च 1958 को दोनों की शादी हो गई। तबतक मदर इंडिया रिलीज होकर हिट हो चुकी थी।
1 comment:
बहुत बढ़िया।
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