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Thursday, May 4, 2023

लव जेहाद की परतें खोलती फिल्म


आज फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ रिलीज हो रही है। ये फिल्म हिंदी, तमिल, तेलुगु और मलयालम में प्रदर्शित होगी। फिल्म अपने प्रदर्शन के पहले ही चर्चा के केंद्र में आ गई है। फिल्म की रिलीज को रुकवाने का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। इस फिल्म के ट्रेलर को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला । यूट्यूब पर फिल्म के ट्रेलर को सात दिनों में एक करोड़ अस्सी लाख से अधिक लोगों ने देखा और एक लाख से अधिक लोगों ने कमेंट किए। इंटरनेट मीडिया के लिहाज से ये बहुत बड़ी संख्या है। फिल्मों के बारे में आनलाइन आंकड़े देनेवाली साइट आईएमडीबी पर सबसे अधिक प्रतीक्षावाली फिल्मों और सीरीज की सूची में ‘द केरला स्टोरी’ शीर्ष पर है। इस फिल्म को करीब पचास प्रतिशत पेज व्यू  मिला है वहीं शाह रुख खान की जून में रिलीज होनेवाली फिल्म जवान को लेकर करीब सोलह प्रतिश्त पेज व्यू है। स्पष्ट है कि द केरला स्टोरी को लेकर दर्शकों के बीच जबरदस्त उत्सुकता है। 

‘द केरल स्टोरी’ में कोई बड़ा स्टार नहीं है, कोई ग्लैमरस अभिनेत्री नहीं है, बावजूद इसके इस फिल्म को लेकर अगर इतनी उत्सुकता है तो उसके पीछे कारण है इस फिल्म की कहानी। इस फिल्म की कहानी केरल के उन हिंदू लड़कियों की कहानी है जिनका मतांतरण करवाकर आतंकी संगठन आईएसआईएस के गिरोह में शामिल करवा दिया जाता है। फिल्म के ट्रेलर का एक संवाद है, एक गरीब को लाओ, खानदान से जुदा करो, जिस्मानी रिश्ते बनाओ, जरूरत पड़ने पर उनको प्रेगनेंट करो और जल्द से जल्द उनको अगले मिशन के लिए हैंडओवर करो। फिल्म में ये भी दिखाया गया है कि किस तरह से हिंदू लड़कियों का ब्रेनवाश करके मतांतरण के लिए तैयार किया जाता है। ब्रेनबाश भी संवाद की शैली में किया जाता है। हिजाब पहने एक लड़की का हिंदू लड़कियों से बातचीत दिखता है। पूछा जाता है कि तुमलोग किस गाड को मानता है। उत्तर मिलता है शिव। तब कहा जाता है कि जो गाड अपनी पत्नी के मरने पर आम इंसानों की तरह रोता हो वो कैसा भगवान। लव जिहाद के जरिए हिंदू लड़कियों को आतंकी संगठन में भेजने का षडयंत्र कितना भयावह होता है, ये फिल्म उसकी तस्वीर दिखाती है। फिल्मकारों का दावा है कि ये फिल्म सत्य घटनाओं पर आधारित है। फिल्म के क्रिएटिव डायरेक्टर और प्रोड्यूसर विपुल शाह का मानना है कि उन्होंने इस फिल्म का निर्माण इसलिए किया क्योंकि इसकी कहानी बेहद शाकिंग है। अगर हमारे देश के किसी हिस्से में ऐसा घटित हो रहा है तो उसको सबके सामने आना चाहिए। इसमें किसी भी तरह का कोई एजेंडा नहीं है बल्कि पूरी कहानी को मानवता के दृष्टिकोण से पेश किया गया है। गीतकार मनोज मुंतशिर कहते हैं कि धोखे या दबाव से धर्मांतरण के लिए विवश करना, भारत के संविधान की अवमानना है। जो लोग फिल्म की प्रामाणिकता पर संदेह कर रहे हैं उनको मैं ये बता दूं कि मैं व्यक्तिगत तौर पर फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन और निर्माता विपुल शाह के भागीरथ प्रयास का साक्षी रहा हूं। तीन सौ घंटे के वीडियो रिसर्च और पांच सौ केस स्टडीज के आधार पर ये फिल्म बनी है। 

दरअसल केरल में लव जिहाद और वहां की लड़कियों के आतंकी संगठन आईएसआएस में जाने की खबरें आती रही हैं। उनके बारे में चर्चा भी होती रही है लेकिन उन घटनाओं को केंद्र में रखकर और आईएसआईएस में जाने के कारणों, और परिस्थितियों को पहली बार फिल्मी पर्दे पर उतारा गया है। पहले हिंदू लड़कियों को प्रेम के जाल में फंसाया जाता है, तरह तरह से प्रलोभन देकर सुनहले भविष्य का सपना दिखाया जाता है फिर आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल करके नारकीय जीवन जीने को मजबूर कर दिया जाता है। इस पूरे प्लाट को ये फिल्म एक्सपोज करती है। दैनिक जागरण से बातचीत में इस फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन ने कहा कि इस फिल्म में हम ऐसे सत्य को उद्घाटित करने जा रहे हैं जिसने दशकों से हमारी मां-बेटियों की जिंदगी नरक बना दी थी। उनका दावा है कि इस फिल्म में उन परिस्थितियों को दिखाया गया है जिसके बारे में अबतक सोचा भी नहीं गया था। उनका कहना है कि उन्हें इस बात की खुशी है कि सात साल की मेहनत आखिरकार जनता के बीच पहुंच रही है। वो इस बात को लेकर आशान्वित हैं कि इससे देश की बहनों की जिंदगी पर सकारात्मक असर पड़ेगा। 

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