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Wednesday, February 29, 2012

व्हाइट हाउस की काली कहानी

कुछ दिनों पहले नेट पर विदेशी अखबारों को पढ़ रहा था । अचानक से डेली मेल के पन्नों की सर्फिंग करते हुए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की प्रेमिका और उनसे संबंधित लेख पर नजर चली गई । लेख में जे एफ कैनेडी और व्हाइट हाउस की इंटर्न के बीच राष्ट्रपति भवन में ही पनपे प्रेम प्रसंग का जिक्र था । राष्ट्रपति महोदय के बेडरूम के कुछ अंतरंग प्रसंगों के साथ स्टोरी छपी थी । स्टोरी इस तरह लिखी गई थी कि पाठकों को ना सिर्फ बांध सके बल्कि उस किताब को पढ़ने को लेकर उनके मन में ललक पैदा हो । वहां स्टोरी पढ़ने के बाद मैंने नेट पर खोज प्रारंभ की तो एक अमेरिकी टेलीविजन के बेवसाइट पर भी इससे ही जुड़ी स्टोरी छपी थी कि किस तरह से प्रेसीडेंट कैनेडी ने अपनी लिमोजीन भेजकर एक प्रेस इंटर्न को होटल में इश्क फरमाने के लिए बुलवाया। एक और अमेरिकी अखबार में छपा कि तकरीबन आधी सदी के बाद खुला कैनेडी का एक और प्रेम प्रसंग । लब्बोलुआब यह कि जनवरी और फरवरी में अमेरिका से लेकर इंगलैंड और पूरे यूरोप के अखबारों और तमाम टेलीविजन चैनल की बेवसाइट्स पर कैनेडी की इस प्रेम कथा की चर्चा थी । हर जगह स्टोरी को सनसनीखेज तरीके से प्रस्तुत किया गया था । सेक्स प्रसंगों को इस तरह से पेश किया गया था कि जब पूरा अमेरिका क्यूबा मिसाइल संकट के दौर से जूझ रहा था तो अमेरिका का राष्ट्रपति व्हाइट हाउस के प्रेस इंटर्न के साथ स्वीमिंग पूल और अपनी पत्नी के बेडरूम में रंगरेलियां मना रहा था । मैं भी फौरन अपने पसंदीदा बेवसाइट फिल्पकॉर्ट पर गया और वहां इस किताब की तलाश की । पच्चीस डॉलर की किताब छूट के बाद एक हजार पचपन रुपए में उपलब्ध थी । इस किताब के बारे में विदेशी अखबारों में इतना छप चुका था कि मेरे अंदर भी उसको पढ़ने की इच्छा प्रबल हो गई लिहाजा फ्लिपकॉर्ट पर ऑर्डर कर दिया । चूंकि यह किताब इंपोर्टेड एडिशन थी इस वजह से पांच दिनों के बाद मुझे मिली । तकरीबन दो सौ पन्नों की बेहतरीन प्रोडक्शन वाली किताब । किताब का पूरा नाम है – वंस अपॉन ए सिक्रेट, माई अफेयर विद प्रेसीडेंट जॉन एफ कैनेडी एंड इट्स ऑफ्टरमाथ और लेखिका है- मिमी अल्फर्ड । प्रकाशक हैं रैंडम हाउस, न्यूयॉर्क । बैक कवर पर लेखिका की हाल में ली हुई तस्वीर और फ्रंट कवर पर उनकी युवावस्था की ऐसी तस्वीर लगी है जिसमें उनकी मुस्कुराहट दिखाई दे रही है चेहरा नहीं । बेहद सुरुचिपूर्ण कवर । मैंने हिंदी में कई खूबसूरत लेखिकाओं और सुदर्शन लेखकों को उनकी किताबों पर उनकी खुद की तस्वीर छपवाने की सलाह दी लेकिन किसी ने मजाक में उड़ा दिया तो किसी को प्रकाशक ने मना कर दिया । एक मित्र ने तो मुझसे कहा कि अभी वो इतने बड़े लेखक नहीं हुए हैं कि किताब के कवर पर उनकी तस्वीर छपे । लेकिन जब मैंने मिमी की किताब देखी तो मुझे लगा कि कवर पर खुद की तस्वीर लगाने के लिए बड़ा होना जरूरी नहीं है । मिमी की यह पहली किताब है और वह कोई लेखिका भी नहीं है फिर भी पूरी किताब में तीन जगह उसकी पूरे पेज पर तस्वीर लगी है । मुझे तो कई बार यह लगता है कि हिंदी के लेखकों और प्रकाशकों में खुद को लेकर विश्वास की कमी है । कवर पर लेखक या लेखिका की तस्वीर ना छपने का मुझे कोई कारण नजर नहीं आता । चूंकि सालों से यह परंपरा नहीं है तो इसे तोड़ने का जोखिम कोई लेना नहीं चाहता ।
यह तो अवांतर प्रसंग है । मैं एक बार फिर से किताब की ओर लौटता हूं । दरअसल अमेरिका में जॉन एफ कैनेडी के प्रेम प्रसंगों को लेकर किताब छापना एक कुटीर उद्योग की तरह हो गया है । हर साल कैनेडी और उसके सेक्सुअल लाइफ या फिर उनकी प्रेम कथाओं को लेकर किताबें छपती हैं और फिर चर्चित होकर बिक कर साहित्य के परिदृश्य से गायब हो जाती है । इस किताब की लेखिका मिमी ने स्वीकार किया है कि - जून 1962 से लेकर नवंबर 1963 तक मेरे प्रेसीडेंट कैनेडी से सेक्स संबंध रहे और पिछले चासीस सालों से मैंने इस रहस्य को अपने सीने में दबाए रखा । लेकिन हाल के मीडिया रिपोर्ट के बाद मैंने अपने बच्चों और परिवार के साथ इस राज को साझा किया । मेरा पूरा परिवार मेरे साथ खड़ा है । इस पूरी किताब को पढ़ने के बाद एक तस्वीर जो साफ तौर पर उभर कर सामने आती है वह यह है कि जॉन एऱ कैनेडी की कम उम्र लड़कियों में रुचि थी और दूसरी जो भयावह तस्वीर सामने आती है जिसको मिमी ने रेखांकित नहीं किया है वह यह कि कैनेडी के कार्यकाल में उसके कुछ दोस्त उसके सेक्सुअल डिजायर का खास तौर पर ख्याल रखते थे और उसे लड़कियां उपलब्ध हो इसके लिए प्रयासरत भी रहते थे । दौरों के समय भी कैनेडी के लिए लड़कियों का इंतजाम यही गैंग करता था। कैनेडी का स्पेशल असिस्टेंट डेव पॉवर्स इसके केंद्र में था और दो लड़कियां उसकी मदद किया करती थी । यूं तो डेव अमेरिका के राष्ट्रपति के स्पेशल असिटेंट के पद पर तैनात था लेकिन देशभर में वह प्रथम मित्र के रूप में जाना जाता था । जब मिमी व्हाइट हाउस के प्रेस कार्यलय में इंटर्न के तौर पर आई तो उसने कोई आवेदन नहीं किया था उसे तो राष्ट्रपति भवन से बुलावा आया था । दरअसल वो कैनेडी के राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी पत्नी से इंटरव्यू करने आई थी क्योंकि जिस स्कूल में मिमी पढ़ रही थी वहीं से कैनेडी की पत्नी ने भी स्कूलिंग की थी । उसी वक्त वो इस गैंग की नजर में आ गई थी । बाद में राष्ट्रपति भवन के बुलावे पर उसने प्रेस कार्यलय में इंटर्न के तौर पर ज्वाइन करवाया गया । एक दिन अचानक डेव ने उसे फोन करके राष्ट्रपति भवन के स्वीमिंग पूल में दोपहर की तैराकी का आनंद लेने का निमंत्रण दिया जिसे मिमी ने स्वीकार कर लिया । उसी स्वीमिंग पूल में उसकी और कैनेडी की पहली मुलाकात हुई । उसके बाद फिर से डेव ने उसे राष्ट्रपति भवन घूमने का न्योता दिया । लेकिन यहां कैनेडी उसे व्हाइट हाउस घुमाने के बहाने अपने बेडरूम में ले गए और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए । लेखिका खुद इस बात को लेकर भ्रम में है कि कैनेडी ने उसके साथ जबरदस्ती संबंध बनाए या फिर उसकी भी रजामंदी थी । बेहद साफगोई से उसने यह स्वीकार भी किया है । अठारह साल की उम्र में पैंतालीस साल के पुरुष से शारीरिक संबंध बनाने का बेहद ही शालीनता लेकिन सेंसुअल तरीके से वर्णन किया गया है । वर्णन में कहीं कोई अश्लीलता नहीं है। पहले सेक्सुअल एनकाउंटर के बाद एक लड़की की मनस्थिति का जो चित्रण मिमी ने किया है वह पठनीय है । उसके मन में यह द्वंद्व चलता है कि अपने से दुगने उम्र के पुरुष से संबंध बनाना कहां तक उचित है वहीं मन के कोने अंतरे में यह बात भी है कि दुनिया के सबसे ताकतवर पुरुष से उसके तालुक्कात है । वह उसका प्रेमी है ।
इस किताब में कैनेडी की वह छवि और मजबूत होती है कि वो महिलाओं को उपभोग की वस्तु समझता था । इसको अंग्रेजी में सेक्सुअल प्लेजर के लिए इस्तेमाल किया जानेवाला औजार भी कह सकते हैं । मिमी के साथ ही उसने शारीरिक संबंध ही नहीं बनाए बल्कि अपने सामने अपने स्पेशल असिस्टेंट डेव पॉवर्स के साथ भी सेक्स एक्ट परफॉर्म करने के लिए मजबूर किया । अगली गर्मी में कैनेडी ने फिर से यही काम अपने भाई के लिए करने को कहा जिसे मिमी ने ठुकरा दिया । एक पार्टी में उसने जबरदस्ती मिमी तो ड्रग्स लेने को मजबूर किया ।
सेक्स प्रसंगों के अलावा भी मिमी की जो दास्तां इस किताब में है उससे एक लड़की के मनोविज्ञान को समझा जा सकता है । एक तरफ वह कैनेडी से सेक्सुअल रिलेशनशिप में है तो दूसरी तरफ अपने मित्र से शादी भी तय कर रही है । जिस दिन कैनेडी की हत्या होती है उस दिन वह अपने मंगेतर के साथ होती है । काफी देर तक सदमे में रहने के बाद वह अपने मंगेतर को यह बताती है कि उसके और कैनेडी के बीच संबंध थे । उसका मंगेतर यह सुनकर दूसरे कमरे में चला जाता है लेकिन अचानक से आकर मिमी पर टूट पड़ता है और मिमी के साथ शारीरिक संबंध बानाता है । उसके बाद वह मिमी से वादा करवाता है कि कैनेडी के संबंध के बारे में वो किसी को नहीं बताएगी । मिमी चार दशक तक उस वादे को निभाती है । उस पूरे प्रसंग को बेहद सधे तरीके से मिमी ने लिखा है । यहां आकर यह नहीं लगता कि यह लेखिका की पहली किताब है । न ही इस किताब में सेक्स प्रसंगों की भरमार है । जहां भी उसकी चर्चा है वह बेहद संजीदे अंदाज में है । हिंदी के कुछ लेखकों को यह देखना चाहिए कि किस तरह से सेक्स प्रसंगों को बगैर अश्लील बनाए भी लिखा जा सकता है । देखना तो हिंदी के प्रकाशकों को भी चाहिए कि किस तरह से पुस्तक की बिक्री को बढ़ाने के लिए उसके चुनिंदा अंश सनसनीखेज तरीके से अखबारों में छपवाए जाते हैं ।

1 comment:

ARUN KHARE said...

एक अच्‍छी किताब के बारे में पढने को मिला. आपने भी बहुत शानदार तरीके से समीक्ष्‍ाा की है. इसकेलिए आपको बधाई.
अरुण खरे