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Friday, July 6, 2018

दिल्ली में बसता है मेरा दिल

फिल्म 'मुक्काबाज' में अपने लाजबाव अभिनय से दर्शकों का दिल जीतने वाली अभिनेत्री जोया हुसैन दिल्ली में पली बढ़ी हैं। इस फिल्म में गूंगी लड़की का बेहद मुश्किल अभिनय निभाकर जोया ने पहली ही फिल्म में अपने अभिनय का लोहा मनवा लिया था। जागरण फिल्म फेस्टिवल के दौरान मैंने उनसे बातचीत की। जोया ने कहा   
मैं दिल्ली में काफी समय रही हूं। ग्रेजुएशन के लिए मैंने लेडीश्रीराम कॉलेज में एडमिशन लिया था। मैं पत्रकार बनना चाहती थी इस वजह से पत्रकारिता का कोर्स चुना था। थोड़े दिनों की पढ़ाई के बाद मुझे लगा कि ये मेरे वश का नहीं है। मैं थिएटर में काम करती थी, प्रैक्टिस और शोज की वजह से मैं कॉलेज कम जा पाती थी। एलएसआर में अटेंडेंस को लेकर बहुत सख्ती भी थी। जहां तक मुझे याद है कि अस्सी फीसदी अटेंडेंस होने की वजह से एक दो महीने में ही मैंने वहां से किसी और कॉलेज में जाने का फैसला कर लिया था। मैंने वेंकटेश्वर कॉलेज में माइग्रेशन करवा लिया। वहां उस वक्त अटेंडेंस को लेकर उतनी सख्ती नहीं थी और मेरा थिएटर ग्रुप यात्रिक सैदुलाजाब इलाके में है तो कॉलेज से निकल कर वहां पहुंच जाती थी या जब वहां से मौका मिलता था तो निकलकर कॉलेज चली जाती थी। थिएटर में व्यस्ततता की वजह से कॉलेज कम जा पाती थी और किसी तरह से मैनेज करती थी। मैं दिल्ली के कई इलाकों में रही हूं लेकिन साउथ दिल्ली के मोमोज मुझे बेहद पसंद हैं। मैं मोमोज को लेकर क्रेजी हूं जहां भी जाती हूं वहां मोमोज जरूर खाती हूं। वेंकी कॉलेज से लेकर धौलाकुँआ तक खाने के इतने ज्वाइंट्स हैं जहां जाना मुझे बेहद पसंद था, दोस्तों के साथ वहा जाकर खाकर आती थी। मुझे हर तरह का खाना बहुत पसंद हैं। खान मार्केट के कई रेस्तरां में हामरी महफिल नियमित रूप से जमा करती थी। खान मार्केट के बाद हमारी पसंदीदा जगह पंडारा रोड मार्केट हुआ करी जहां हम इंडियन और चाइनीज फूड का आनंद उठाया करते थे। पंडारा रोड मार्केट में भी बेहतरीन मोमोज मिलते हैं। मेरे मोमोज को खाने की दीवानगी अबतक बरकरार है। दिल्ली से मुझे अब भी जुड़ाव और प्यार है क्योंकि ये मेरा प्यारा शहर है जहां मैंने अपनी जिंदगी के कई बेहतरीन साल बिताए हैं।

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