हिंदी फिल्म जगत और ड्रग्स का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है। अभी सुशांत सिंह राजपूत के केस में ड्रग्स का मामला उछला था और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने दीपिका पादुकोण समेत कई अभिनेत्रियों से घंटों तक पूछताछ की थी। अभी ये मामला शांत भी नहीं हुआ था कि एक दूसरे मामले में निर्देशक महेश भट्ट का नाम ड्रग्स के आरोपों से जुड़ गया है। फिल्म ‘कजरारे’ की अभिनेत्री लवीना लोध ने एक मिनट अड़तालीस सेंकेंड का एक वीडियो जारी कर महेश भट्ट पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। लवीना ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट विडियो में कहा है कि ‘मेरी शादी महेश भट्ट के भांजे सुमित सभलवाल के साथ हुई थी और मैंने उनके खिलाफ डायवोर्स केस फाइल किया है क्योंकि मुझे पता चल गया था कि वो ड्रग सप्लाई करते हैं एक्टर्स को...उनके फोन में भी अलग अलग किस्म की लड़कियों की तस्वीरें होती हैं जो वो डायरेक्टर्स को दिखाते हैं...और इन सारी बातों की जानकारी महेश भट्ट को है। महेश भट्ट सबसे बड़ा डॉन है इंडस्ट्री का। ये पूरा सिस्टम वही ऑपरेट करता है और अगर आप उनके हिसाब से नहीं चलते हैं तो वो आपका जीना हराम कर देते हैं। महेश भट्ट ने कितने लोगों की जिंदगी बर्बाद कर दी है, कितने एक्टर्स, डायरेक्टर्स को उन्होंने काम से निकाल दिया है, वो एक फोन करते हैं पीछे से और लोगों का काम चला जाता है। लोगों को पता भी नहीं चलता है। ऐसे उन्होंने बहुत जिंदगियां बर्बाद की हैं। और जबसे मैंने उनके खिलाफ केस फाइल किया है वो हाथ धोकर मेरे पीछे पड़ गए हैं। अलग अलग तरीके से मेरे घर में घुसने की कोशिश कर रहे हैं, पूरी कोशिश की उन्होंने मुझे इस घर से निकालने की। जब मैं पुलिस स्टेशन में शिकायत (एनसी) लिखाने जाती हूं तो कोई मेरी शिकायत भी नहीं लेता। बहुत मुश्किल के बाद अगर मैं शिकायत लिखा भी देती हूं तो कोई एक्शन नहीं होता।‘ लवीना लोध यहीं पर नहीं रुकती हैं और वो ये भी कहती हैं कि अगर कल कोई हादसा उनके या उनके परिवार के साथ होता है तो सिर्फ महेश भट्ट, मुकेश भट्ट सुमित सभरवाल, आदि उसके लिए जिम्मेदार होंगे। लवीना का कहना है कि वो ये वीडियो इस लिए भी बना रही हैं कि लोगों को पचा चले कि बंद दरवाजे के पीछे इन लोगों ने कितनी जिंदगियां बर्बाद की हैं और ये क्या क्या कर सकते हैं। वो अपनी बात इस वाक्य पर खत्म करती हैं कि महेश भट्ट बहुत ही ताकतवर और प्रभावशाली हैं। अगर एक मिनट को इसको पारिवारिक कलह भी मान लिया जाए तो इसमें जो ड्रग्स की बात सामने आ रही है या अन्य आरोप लगे हैं उसकी जांच तो की जा सकती है। लवीना ने तो जिन एक्टर्स को ड्रग्स की सप्लाई की जाती है उनके नाम भी इस वीडियो में लिए हैं।
सुशांत सिंह राजपूत के केस में रिया चक्रवर्ती की गिरफ्तारी भी आरोपों के आधार पर ही हुई थी। दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, सारा अली खान और रकुलप्रीत जैसी मशहूर अभिनेत्रियों से घंटों पूछताछ भी सिर्फ आरोपों के आधार पर हुई थी। ऐसे में सवाल उठता है कि जिस तत्परता के साथ नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड ने इतनी मशहूर और प्रतिष्ठित अभिनेत्रियों से पूछताछ की थी वैसी ही सक्रियता लवीना के आरोपों पर भी दिखाई जाएगी? अगर ये नहीं होता है तो क्या ये माना जाए कि अभिनेत्री लवीना की उन बातों में दम है कि महेश भट्ट बेहद ताकतवर और प्रभावशाली हैं। महेश भट्ट पहले भी कई तरह के व्यक्तिगत और अन्य विवादों में घिरते रहे हैं। अगर उस दौर की फिल्मी और अन्य पत्रिकाओं के लेखों को देखें तो उनके और परवीन बॉबी के रिश्ते को लेकर बहुत कुछ लिखा गया था। कहा गया था कि परवीन से अफेयर की वजह से उनका पारिवारिक कलह हुआ था। उन्होंने अपनी पहली पत्नी किरण भट्ट और बेटी पूजा को छोड़कर परवीन के साथ रहना शुरू कर दिया था। परवीन जब सिजोफ्रेनिया की गिरफ्त में आईं तो वो उनको छोड़कर अपने परिवार के पास लौट आए थे। कई इंटरव्यू में महेश भट्ट ने परवीन बॉबी के साथ अपने रिश्ते को माना भी है। इसके अलावा उनका बेटा राहुल भट्ट भी मुंबई हमले की साजिश के आरोपी डेविड हेडली से संपर्कों की वजह से शक की जद में आया था। तब ये आरोप लगा था कि डेविड हेडली ने राहुल भट्ट को ये कहा था कि वो हमले वाले दिन दक्षिणी मुंबई की ओर नहीं जाए। राहुल भट्ट जब संदेह के घेरे में थे तो उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में महेश भट्ट पर भी निशाना साधा था। खैर ये मुद्दे अब खत्म हो चुके हैं लेकिन अतीत बहुत जल्द पीछा छोड़ते नहीं।
बात बॉलीवुड और ड्रग्स की करते हैं। लगातार दो मामलों में ड्रग की बात सामने आने के बाद, खासतौर पर सुशांत सिंह राजपूत केस में जिस तरह से हिंदी फिल्मों की दुनिया शक के घेरे में आई उसको साफ करना जरूरी है। ये जिम्मेदारी बॉलीवुड को ही उठानी होगी। सुशांत सिंह केस के दौरान सुपरस्टार अक्षय कुमार ने एक वीडियो जारी कर माना था कि कई ऐसे मुद्दे हैं जिनपर बॉलीवुड को खुद के गिरेबां में झांकने की जरूरत है। नारकोटिक्स और ड्रग्स की बात करते हुए भी उन्होंने कहा था कि कैसे दिल पर हाथ रखकर कह दें कि ये समस्या नहीं है,ये समस्या है। तब अक्षय ने पूरी इंडस्ट्री को बदनाम दुनिया की तरह नहीं देखने की अपील भी की थी। अक्षय ने ठीक कहा था, सबको एक ही रंग से रंगना उचित नहीं है। हर जगह अच्छे और बुरे लोग होते हैं। इस कड़ी में ही बॉलीवुड की कई प्रोडक्शन कंपनियों और उनके संगठनों ने दिल्ली हाईकोर्ट में दो चैनलों की रिपोर्टिंग के खिलाफ गुहार लगाई थी। यहां ये रेखांकित करना जरूरी लगता है कि हाईकोर्ट से गुहार लगानेवाली इन प्रोडक्शन कंपनियों में महेश भट्ट की कंपनी शामिल नहीं हैं। बॉलीवुड के जिन लोगों ने अदालत से गुहार लगाई है उनको महेश भट्ट पर लग रहे आरोपों पर भी अपनी बात रखनी चाहिए। प्रोड्यूसर गिल्ड को कम से कम ये बयान तो जारी करना चाहिए कि अभिनेत्री लवीना के आरोपों की जांच हो, ड्रग्स सप्लाई के आरोपों को लेकर भी एजेसियां कानूनसम्मत ढंग से काम करें।
अगर गिल्ड या प्रोडक्शन कंपनियों का ऐसा कोई बयान नहीं आता है या वो कोई पहल नहीं करते हैं तो एक बार फिर से उनकी साख पर सवाल उठेगा और लोगों को बॉलीवुड पर आरोप लगाने का मौका। चुनी हुई चुप्पी और चुनिंदा मामलों में बोलना दोनों ही किसी भी संगठन या इंडस्ट्री की साख पर असर डालते हैं। हमने अपने देश में देखा है कि वामपंथियों ने सालों तक इस चुनी हुई चुप्पी या सेलेक्टिव सेक्युलरिज्म को अपनाया। आज इस वजह से उनको कितना नुकसान हुआ ये सबके सामने है। उनकी राजनीतिक जमीन देखते देखते उनके नीचे से खिसक गई। उनकी साख इस कदर छीज गई है कि अकादमिक दुनिया ने भी उनको गंभीरता से लेना कम कर दिया है। बॉलीवुड में ड्रग्स का नाम भी आता है तो वहां काम कर रहे संगठनों को बहुत मुखरता के साथ उसका प्रतिरोध करना होगा। इससे लोगों के बीच बॉलीवुड की साख और मजबूत होगी अन्यथा लोगों को ये लगेगा कि फिल्मी दुनिया के बड़े और गंभीर मानी जानेवाली आवाज भी चुनिंदा लोगों के आरोपों पर ही अपनी बात सामने रखती है।
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