उस जमाने में नायिकाओं के मुंबई (तब बांबे) से बाहर जाने को लेकर उनके माता-पिता बहुत झंझट किया करते थे। खासतौर पर जब उनको अपनी बेटियों के इश्क के बारे में पता होता था। टी जे एस जॉर्ज ने अपनी किताब द ‘लाइफ एंड टाइम्स ऑफ नर्गिस’ में लिखा है कि राज कपूर फिल्म बरसात की शूटिंग कश्मीर में करना चाहते थे लेकिन नर्गिस की मां जद्दनबाई इस बात पर अड़ गईं थीं कि उनकी बेटी राज कपूर के साथ कश्मीर नहीं जाएंगी। आखिरकार फिल्म के उन दृष्यों को महाबालेश्वर में शूट करना पड़ा था। इसी तरह जब बी आर चोपड़ा अपनी फिल्म ‘नया दौर’ की शूटिंग भोपाल में करना चाहते थे लेकिन मधुबाला के पिता अताउल्लाह खान किसी भी कीमत पर अपनी बेटी को दिलीप कुमार के साथ भोपाल नहीं जाने देने पर अड़े हुए थे। दिलीप कुमार ने मधुबाला से फैसला लेने को कहा लेकिन मधुबाला अपने पिता से बगावत नहीं कर सकी। यहीं से दिलीप कुमार और मधुबाला का इश्क दरक गया। इसके पहले भी कामिनी कौशल ने अपने परिवार की मर्जी बताकर दिलीप कुमार के साथ प्यार को अंजाम तक पहुंचाने से मना कर दिया था। एक बार फिर अपने और अपनी मोहब्बत के बीच परिवार के आने से दिलीप कुमार बेहद खफा थे। अताउल्लाह खान के मधुबाला के भोपाल जाने से मना करने पर बी आर चोपड़ा ने मधुबाला पर केस कर दिया। मधुबाला की बहन मधुर भूषण ने एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘नया दौर’ फिल्म से संबंधित कोर्ट केस के दौरान दिलीप कुमार ने बी आर चोपड़ा का साथ दिया था। अदालत में मधुबाला के खिलाफ गवाही दी थी। दिलीप कुमार ने तो कोर्ट में यहां तक कह दिया कि वो मधुबाला से बेहद प्यार करते हैं और अपनी महबूबा के मरने तक उससे प्यार करते रहेंगे। मधुबाला के पिता ने भी अपनी बेटी को इस बात के लिए ताना मारा था कि उसका प्रेमी उसके मरने की कामना कर रहा था। इस केस को बाद में बी आर चोपड़ा ने वापस ले लिया था लेकिन मधुबाला कोर्ट में हुए अपमान को भूल नहीं पाई। वो अंदर से टूट गई थीं। ये अनायास नहीं था कि मधुबाला ने अपनी एक सहेली से कहा था कि उससे शादी मत करना जिससे तुम प्यार करती हो बल्कि उस व्यक्ति से शादी करना जो तुम्हें प्यार करता है। आठ साल की उम्र में फिल्मी दुनिया में कदम, बीस साल में तमाम शोहरत और सत्ताइस साल में फिल्मी दुनिया को अलविदा कहनेवाली मधुबाला को छोटी उम्र मिली लेकिन जीवन भर तो प्यार के लिए तरसती ही रहीं।
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Sunday, February 14, 2021
इश्क बागी न हुए, ख्वाब मुकम्मल न हुए
हिंदी फिल्मों में रोमांटिक जोड़ियों की एक लंबी फेहरिश्त है लेकिन उतनी ही लंबी फेहरिश्त रीयल लाइफ रोमांटिक जोड़ियों की भी रही है। उन्नीस सौ पचास के बाद के वर्षों में अगर देखें तो कई ऐसी रोमांटिक जोड़ियां रहीं है जिनके इश्क के किस्से अबतक बॉलीवुड में सुनाई देते हैं। मोतीलाल और शोभना समर्थ के बीच इश्क इतना गाढ़ा था कि एक बार मोतीलाल बीमार पड़े और उनको ऑक्सीजन लगाना पड़ा। शोभना समर्थ उनको देखने अस्पताल पहुंची तो उन्होंने नर्स को इशारा किया कि मास्क हटा दिया जाए। मास्क हटाते ही उन्होंने कहा कि जब शोभना समर्थ उनके आसपास होती हैं तो उनकी सांसें सामान्य रहती हैं। इसी तरह अशोक कुमार और नलिनी जयवंत के बीच प्यार इतना गाढा था कि अशोक कुमार उनको देखेने के लिए बेचैन रहा करते थे। हिंदी फिल्म जगत में ये किस्सा बहुत प्रसिद्ध है कि अशोक कुमार ने अपने घर की छत पर दूरबीन लगा रखी थी जिसके कि वो पड़ोस में रहनेवाली नलिनी को ठीक तरीके से देख सकें। राज कपूर और नर्गिस, देव आनंद और सुरैया के प्रेम के किस्से भी आम हैं। दिलीप कुमार और मधुबाला के बीच अफेयर की भी अलग ही दास्तां है। दिलीप कुमार पहले तो कामिनी कौशल के इश्क में डूबे लेकिन जब उनका प्यार परवान नहीं चढ़ सका तो दिलीप कुमार का दिल मधुबाला पर आ गया। प्यार का रंग गाढा होता चला गया। इनका प्यार अपने अंजाम तक पहुंच पाता इसके पहले मधुबाला के पिता इन दोनों के मोहब्बत के बीच आ गए।
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1 comment:
बहुत ही रोचक आलेख सर
सादर प्रणाम 💐🙏
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