जी 20 के राष्ट्राध्यक्षों का दिल्ली में सम्मेलन हो रहा है। दिल्ली इनके स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार है। प्रगति मैदान के भारत मंडपम में ये सम्मेलन हो रहा है। भारत की अध्यक्षता में दिल्ली में हो रहे इस सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। दिल्ली और जी 20 के कई देशों के साथ पहले से भी अच्छे संबंध रहे हैं। जी 20 देशों के प्रमुख शिक्षाविदों, लेखकों और राजनीतिज्ञों के नाम पर दिल्ली में इमारतें और सड़कों के नाम रखकर उनको सम्मानित किया गया है। इस कड़ी में सबसे पहले नाम याद आता है लेव तोलस्तोय का। तोलस्तोय रूस के विश्व प्रसिद्ध लेखक हैं जिन्होंने युद्ध और शांति जैसा कालजयी उपन्यास लिखा। लेव तोलस्तोय पहले रूसी सेना में थे लेकिन युद्ध की विभीषिका से क्षुब्ध थे। कुछ दिनों बाद उन्होंने सेना की नौकरी छोड़ दी। बाद में वो रचनात्मक लेख में जुटे और एक के बाद एक कई प्रआसिद्ध कृतियों की रचना की। गांधी और तोलस्तोय के बीच भी पत्र व्यवहार था और गांधी ने जब दक्षिण अफ्रीका में अपना आश्रम बनाया तो सका नाम उन्होंने तोलस्तोय फार्म ही रखा था। गांधी उनकी कृति द किंगडम आफ गाड विदइन यू से प्रभावित थे। लेव तोलस्तोय की एक प्रतिमा जनपथ और लेव तोलस्तोय मार्ग के कोने पर लगी है। वहीं एक इमारत का नाम भी तोलस्तोय हाउस है। तोलस्तोय मार्ग जनपथ से कस्तूरबा गांधी मार्ग को जोड़ती है।
लेव तोलस्तोय मार्ग से कस्तूरबा गांधी मार्ग पहुंचने पर मैक्स मूलर भवन की याद आती है जो इसी मार्ग पर है। मैक्स मूलर जर्मनी के प्रसिद्ध विद्वान थे। मैक्स मूलर का जन्म जर्मनी में हुआ था लेकिन उनको प्रसिद्धि ब्रिटेन में मिली जब वो वहां के प्रसिद्ध आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में आधुनिक भाषा के शिक्षक बने। कुछ दिनों के बाद उनकी नियुक्ति तुलनात्मक भाषा विज्ञान के प्रोफेसर के पद पर हुई। वहां रहते हुए उन्होंने संस्कृत का विशद अध्ययन किया। ऋगवेद और बौद्ध ग्रंथों का अंग्रेजी में अनुवाद किया। मैक्स मूलर ने धर्म और विज्ञान के अंतर्संबंधों पर भी गहनता से विचार किया था। मैक्स मूलर के नाम से दिल्ली में सिर्फ एक भवन ही नहीं बल्कि एक सड़क भी है। खान मार्केट से जब इंडिया इंटरनेशनल सेंटर होते हुए जब लोदी रोड की तरफ जाते हैं तो वो मार्ग मैक्स मूलर के नाम पर है। दिल्ली में इस तरह अगर देखें तो जी 20 देशों से जुड़े कई अन्य लोगों के नाम पर भी सड़कें और भवनों के नाम रखकर उनको सम्मानित किया गया है। मैक्सिको के पूर्व राष्ट्रपति बेनितो जुआरेज के नाम पर भी दक्षिणी दिल्ली में एक सड़क है जो राव तुला राम मार्ग को धौला कुंआ से जोड़ता है। दो किलोमीटर लंबी इस सड़क पर दिल्ली विश्वविद्यालय का दक्षिणी परिसर है। इस सड़क पर ही कई महाविद्यालय भी हैं। इनके अलावा अमेरिका के आर्किटेक्ट जोसेफ स्टेन के नाम भी एक सड़क है। जोसेफ ने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर को डिजायन किया था। इसके अलावा तुर्किए के नेता मुस्तफा कमाल अतातुर्क के नाम पर भी एक सड़क है। जि 20 के देशों के इन महानुभावों का दिल्ली में वर्षों से सम्मान हो रहा है और अब उन देशों के राष्ट्राध्यक्ष यहां हैं तो उनको ये जानकर प्रसन्नता होगी।
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