अगर आप आजादी के बाद के रियासतों के भारत में
विलय संबंधी सरकारी दस्तावेजों को देखना चाहते हैं और उस वक्त बनी राज्यों की
भौगोलिक और राजनीतित स्थितियों की जानकारी चाहते हैं तो नई दिल्ली के शास्त्री भवन
के जी विंग में स्थित पुस्तकालय जा सकते हैं। यहां विलय सबंधी कमेटी के सेटलमेंट
रिपोर्ट्स भी हैं जो शोधार्थियों के लिए स्थायी महत्व के दस्तावेज हैं। विलय के
दौर में राज्यों की भौगोलिक सीमा तय करने के लिए किन तर्कों का सहारा लिया गया, रजवाड़ों
के प्रतिनिधियों ने क्या कहा और भारत सरकार के क्या तर्क थे, ये सबकुध इन
दस्तावेजों में दर्ज है। इन रिपोर्टस में
उस दौर का पूरा इतिहास जीवंत होता है। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के अधीन
चलनेवाली इस लाइब्रेरी में ऐतिहासिक दस्तावेजों का जखीरा उपलब्ध है। तीन फ्लोर पर
स्थित इस लाइब्रेरी में अलग-अलग खंड हैं जहां अलग अलग विषयों की पुस्तकें उपलब्ध
हैं। इंडियन ऑफिसियल डॉक्यूमेंट डिवीजन में अबतक के सभी सरकारी गैजेट्स, सरकारी
नोटिफिकेशन के अलावा सभी सरकारी प्रकाशन भी उपलब्ध हैं। इस खंड में ज्यादातर
पॉलिसी मेकर्स और शोधार्थी आते हैं। इस अलावा एक खंड फॉरेन ऑफिसियल डॉक्यूमेंड
डिवीजन है जहां वर्ल्ड बैंक, यूनेस्को आदि के तमाम दस्तावेज सहेज कर रखे गए हैं। इसी
खंड में अंतराष्ट्रीय संधियों की प्रतियां भी पाठकों के लिए उपलब्ध हैं। सार्क
देशों के बीच के समझौतों के कागजात भी यहां उपलब्ध हैं। इतना ही नहीं अगर आप 1702
में भारत में प्रिंटिग की स्थिति को जानना चाहते हं, उस समय की पुस्तकों को देखना
चाहते हैं तो भी इस पुस्तकालय में जाकर देख सकते हैं। 1702 के बाद की फुस्तकें भी
वहां हैं जिनको पाठक देख पढ़ सकते हैं। इस तरह से पाठकों के सामने एक पूरे दौर का
इतिहास खुलता है। शास्त्री भवन स्थित इस पुस्तकालय में पुस्तकों और दस्तावेजों को
मिला लिया जाए तो उनकी संख्या साढे आठ लाख के करीब है। सवा चार लाख तो पुस्तकें
हैं जो अंग्रेजी और अन्य भारतीय भाषाओं की हैं। ग्राउंड फ्लोर पर केंद्र सरकार के
कर्मचारियों और उनके परिवारवालों के लिए अलग से रीडिंग रूम है। ग्राउंड फ्लोर के
रीडिंग रूम में हो ची मिन्ह कॉर्नर है जहां रीडिंग रूम से अलग प्राइवेसी है और कुछ
लोग वहां बैठकर भी पढ़ाई करते है। तीनों फ्लोर पर मिलाकर करीब सवा दो सौ लोगों के
बैठकर अध्ययन करने की सुविधा इस लाइब्रेरी में है।
इस लाइब्रेरी में ऐतिहासिक दस्तावेजों,
अंतराष्ट्रीय रिपोर्ट्स के अलावा सभी भारतीय भाषाओं में लिखा जा रहा साहित्य भी
उपलब्ध है। यहां सभी भाषाओं के दर्जनों अखबार और पत्रिकाएं भी आती हैं जो पाठकों
के लिए आकर्षण का केंद्र होती हैं। इसके अलावा पुस्तकों और दस्तावेजों की
माइक्रोफिल्म भी बनाकर रखी गई हैं ताकि लंबे समय तक उसका उपयोग किया जा सके। केंद्रीय
सचिवालय ग्रंथागार या सेंट्रल सेक्रेटेरियट लाइब्रेरी के नाम से इस पुस्तकालय की
स्थापना हुई थी। उस वक्त ये सरकारी कर्मचारियों के लिए बनाई गई थी लेकिन अन्य
लोगों को भी इसमें प्रवेश मिलता है। सोमवार से शनिवार तक खुलनेवाले इस पुस्तकालय
की टाइमिंग सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक है। केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों को यहां
से एक महीने के लिए चार किताबें इश्यू भी होती हैं। सरकारी कर्मचारियों के अलावा एक
हजार रुपए जमा करवा कर कोई भी साल भर की सदस्यता ले सकता है। इनमें से पांच सौ
रुपए सेक्युरिटी के तौर पर जमा किया जाता है जो सदस्यता छोड़ते वक्त वापस मिल जाता
है। शास्त्री भवन में चूंकि भारत सरकार के कई मंत्रालय के दफ्तर भी हैं इसलिए
सुरक्षा सख्त होती है। डॉ राजेन्द्र प्रसाद रोड स्थित शास्त्री भवन में प्रवेश के
लिए आपके पास भारत सरकार द्वार जारी या मान्य पहचान पत्र होना अनिवार्य है। यहां
का नजदीकी मेट्रो स्टेशन केंद्रीय सचिवालय है।
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