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Sunday, August 4, 2024

परिवार परंपरा को स्थापित करती फिल्म


देश में 1991 में आर्थिक उदारीकरण का दौर आरंभ हुआ तो उसने अर्थव्यवस्था के अलावा समाज पर भी गहरा प्रभाव छोड़ा था। उदारीकरण के कारण विदेशी फिल्में और सीरियल्स भी सुलभ हुए। इससे पश्चिम की खिड़की खुली। वहां की संस्कृति से परिचय हुआ। भारतीय मनोरंजन जगत पर भी प्रभाव पड़ा। पश्चिम को आधुनिक बताने का विमर्श आरंभ हुआ। परिणाम ये हुआ कि हमारा समाज संयुक्त परिवार से एकल परिवार की ओर बढ़ा। खान-पान, वेशभूषा में परिवर्तन दिखने लगा। हिंदी सिनेमा भी इससे अछूता नहीं रहा। नायिकाओं के कपड़े पश्चिम की तर्ज पर बनने लगे। कहना ना होगा कि समाज और सिनेमा दोनों जगह पश्चिम का अंधानुकरण आरंभ हुआ। ऐसे में 1994 में एक फिल्म आती है, हम आपके हैं कौन। यह फिल्म न केवल व्यावसायिक रूप से सफल हुई बल्कि इसने भारतीय परिवार परंपरा को स्थापित भी किया। सूरज बड़जात्या ने इस फिल्म को लिखा और निर्देशित किया। बड़जात्या परिवार पारिवारिक फिल्में बनाने के लिए ही जाने जाते हैं। फिल्म हम आपके हैं कौन में जिस प्रकार से विवाह, गोदभारई की रस्मों को दिखाया गया उसने भारतीय जनमानस को गहरे तक प्रभावित किया। इस फिल्म की नायिका माधुरी दीक्षित ने जिस तरह से चुलबुली लड़की निशा का अभिनय किया या जिस तरह से इन रस्मों में अपनी भागीदारी की उसने इन रस्मों को हिंदू परिवारों में स्थापित कर दिया। शादियों में वर का जूता छुपाना और साली का अपने होनेवाले जीजा से जूते के बदले पैसे की मांग करना, वर पक्ष के लड़कों का जूता खोजना फिर वर और दोनों पक्षों में नोंक-झोंक होना, ये इस फिल्म की विशेषता के तौर पर रेखांकित की गई। माधुरी दीक्षित ने तब एक इंटरव्यू में इस बात को स्वीकार भी किया था कि ये फिल्म दर्शकों को अपनी जड़ों की ओर लौटने के लिए प्रेरित करती है, पूरे परिवार का साथ रहने और जीने की सीख भी देती है। 

अगर इस फिल्म पर विचार करें तो इसमें न तो कोई खलनायक है, न ही मार-पीट, खून खराबा है, न ही गोलियों की तड़तड़ाहट है। इस फिल्म में है कर्णप्रिय संगीत और गाने। लता मंगेशकर के स्वर में माय नि माय और लता और एस पी बालासुब्रह्ण्यम का युगल गीत दीदी तेरा देवर दीवाना बेहद लोकप्रिय हुआ था। वर्षों तक और अब भी शादी के समय ये गीत अवश्य सुनाई पड़ जाते हैं। फिल्म निर्माण के समय जब ये बात सामने आई कि इस फिल्म में 14 गीत हैं तो फिल्मों के जानकार ने इसको बहुत ज्यादा बताया था। लेकिन दर्शकों ने इन सुरीले गानों को हाथों हाथ लिया था। गानों के अलावा इस फिल्म ने भारतीय वेशभूषा को स्थापित किया। आप याद कीजिए हम आपके हैं कौन में माधुरी दीक्षित ने जो बैंगनी रंग की कढाई की गई साड़ी पहनी थी वो कितनी लोकप्रिय हुई थी। साड़ी के साथ डोरी वाला मैचिंग बैकलेस ब्लाउज और कुंदन का भारी नेकलेस। साड़ी पहनने का माधुरी का अंदाज यानि सीधा पल्लू । यह अनायास नहीं था कि इस फिल्म के पोस्टर पर माधुरी दीक्षित को इसी साड़ी में दिखाया गया था। अब भी वो रंग, उस पर की गई कढ़ाई, बैकलेस डोरी वाला ब्लाउज विवाह समारोह के समय महिलाओं की पहली पसंद बनी हुई है। हम आपके हैं कौन फिल्म से माधुरी ने अपनी भारतीय नारी की छवि को पुख्ता तो किया ही पश्चिम वेशभूषा के बढ़ते चलन पर ब्रेक लगाई। इस फिल्म में भारतीय पारिवारिक मूल्यों को भी इस तरह से दिखाया गया है कि दर्शक प्रभावित हो सकें। गोदभराई की रस्म के बाद निशा की भूमिका निभा रही माधुरी दीक्षित की बड़ी बहन पूजा एक दुर्घटना का शिकार हो जाती है। परिवार में तय होता है कि पूजा के छोटे बच्चे की खातिर निशा का विवाह पूजा के पति से करवा दिया जाए। पूजा तैयार हो जाती है लेकिन नाटकीय घटनाक्रम में पूजा और प्रेम का विवाह हो जाता है। पूजा और प्रेम पहली ही मुलाकात से एक दूसरे की तरफ आकर्षित हो गए थे। भाभी की बहन से प्यार की कहानियां भी भारतीय समाज में बहुत सुनी जाती रही हैं। कुल मिलाकर अगर कहा जाए तो हम आपके हैं कौन संयुक्त परिवार की अवधारणा को मजबूत करती है। इस फिल्म के दृष्य, इसकी संवाद अदायगी, नायिकाओं के कपड़े और आभूषण, उनको पहनने का तरीका, गीत, संगीत सभी का एक ऐसा आकर्षक कोलाज था जिसने भारतीय दर्शकों को अबतक अपने मोहपाश में बांध रखा है। 


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