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Thursday, January 9, 2020

आंकड़ों ने बनाया आंदोलनकारी!


आज दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक रिलीज हो रही है। इसके दो दिन पहले अचानक शाम को ये खबर आई कि दीपिका पादुकोण जवाहलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के आंदोलनकारी छात्रों के बीच पहुंच गई। इस खबर के साथ ही सोशल मीडिया पर घमासान मच गया। ट्वीटर के बयानवीरों ने इसको दीपिका की हिम्मत के साथ जोड़कर उनकी शान में कशीदे पढ़ने शुरू कर दिए। कई लोग तो इतने जोश में आ गए कि उनकी इस बात के लिए तारीफ करनी शुरू कर दी कि इतनी बड़ी फिल्म को दांव पर लगाकर आंदोलनकारी छात्रों के साथ खड़ी हो गई। ट्वीटर पर जोशीले ट्वीट्स तूफानी अंदाज में लिखे जाने लगे। सोशल मीडिया पर ही दूसरा पक्ष विरोध में उठ खड़ा हुआ और दीपिका के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय पहुंचने को उनकी फिल्म के प्रमोशन से जोड़ दिया। दोनों पक्षों में सोशल मीडिया पर भिड़ंत हो गई। ट्वीटर पर छपाक फिल्म के पक्ष और विपक्ष में बनाया गया हैशटैग ट्रेंड करने लगा। बॉलीवुड के भी अनुराग कश्यप जैसे सूरमाओं को ये लगा कि उनके विरोध को दीपिका के साथ आने से ताकत मिली है। वो भी जोश में आ गए। लेकिन उऩको ये नहीं समझ आया कि दीपिका पादुकोण का वहां पहुंचने के पीछे की वजह एक रिपोर्ट थी।
दरअसल एक कंपनी ऑरमैक्स, सिनेमैट्रिक्स रिपोर्ट जारी करती है जिसके आधार पर पहले दिन बॉक्स ऑफिस ओपनिंग (एफबीओ)  के बारे में अंदाज लगाया जाता है। ऑरमैक्स सिनेमैट्रिक्स निश्चित तारीख पर रिलीज होनेवाली फिल्मों के प्रमोशन कैंपन को चार आधार पर ट्रैक करती है ताकि पहले दिन फिल्म की ओपनिंग का अंदाज लगाया जा सके। ये चार आधार होते हैं बज़ (चर्चा), रीच (पहुंच), अपील और इंटरेस्ट (रुचि)। ये एक रियल टाइम रिपोर्ट होती है जो किसी भी फिल्म के प्रमोशन कैंपेन को रोजाना ट्रैक करती है। इसको फर्स्ट डे बॉक्स ऑफिस मॉडल कहते हैं। इस रिपोर्ट के सब्सक्राइवर को इसके अलावा उनकी मांग के अनुरूप अन्य आंकड़े और जानकारियां भी दी जाती हैं। फिल्म जगत में इस रिपोर्ट पर बड़ी फिल्म निर्माता कंपनी काफी भरोसा करती हैं।इसके आधार पर प्रमोशन कैंपेन को डिजायन भी किया जाता है और उसमें बदलाव भी किया जाता है। इंडस्ट्री से जुड़े लोग इसको बखूबी जानते और समझते भी हैं। इस कंपनी की बेवसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक इस व्यवस्था को भरोसेमंद और व्यापक बनाने के लिए फिल्मों के 29 मार्केट से जानकारियां उठाई जाती है। उन जानकारियों और सूटनाओं के आधार पर उसका विश्लेषण किया जाता है और फिर सिनेमैट्रिक्स रिपोर्ट तैयार की जाती है।
इस रिपोर्ट में फिल्मों पर असर डालनेवाले बाहरी कारकों का भी ध्यान रखा जाता है। इसके प्रभाव को भी इसमें शामिल किया जाता है। बाहरी कारक यानि फइल्म रिलीज की तारीख के दिन या उसके आसपास पड़नेवाले त्योहार,छुट्टियां,क्रिकेट मैच, परीक्षाएं या मौसम का भी ध्यान रखकर विश्लेषित किया जाता है और फिर रिपोर्ट तैयार की जाती है। गौरतलब है कि फिल्म धूम 3 के लिए एफबीओ रिपोर्ट साढे बत्तीस करोड़ रुपए की ओपनिंग की थी जबकि वास्तविक ओपनिंग 30.9 करोड़ रु की रही जो कि पूर्वानुमान के बहुत करीब थी। फिल्म आर..राजकुमार के लिए ओपनिंग का पूर्वानुमान 8.3 करोड़ रु का था जबकि वास्तविक ओपनिंग 8.8 करोड़ रुपए की हुई थी। कंपनी मानती है कि उसकी रिपोर्ट एकदम सटीक नहीं होती है और उसमें पांच फीसदी उपर नीचे की गुंजाइश होती है। बेवसाइट का दावा है कि फिल्म उद्योग के कई स्टूडियोज उनकी इस रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हैं।  
अब शुरू होती है दीपिका के जेएनयू पहुंचने की असली कहानी। जिस दिन दीपिका शाम को जेएनयू पहुंचती हैं उस दिन यानि 7 जनवरी को दिन में ये रिपोर्ट आती है जिसमें वो उपर उल्लिखित चारों मापदंडों पर तीसरे स्थान पर आती है जबकि आज ही रिलीज होनेवाली अजय देवगन-काजोल की फिल्म तानाजी, द अनसंग वॉरियर पहले स्थान पर थी। पहुंच में भी फिल्म छपाक, इसी दिन रिलीज होनेवाली फिल्म तानाजी, द अनसंग वॉरियरऔर 24 जनवरी को रिलीज होनेवाली फिल्म स्ट्रीट डांसर से पीछे थी। दर्शकों की रुचि में भी दीपिका की फिल्म तानाजी, द अनसंग वॉरियर से पीछे चल रही थी। इससे भी चिंता की बात ये थी कि एफबीओ में छपाक और तानाजी, द अनसंग वॉरियर की पहले दिन की ओपनिंग में बहुत अधिक फर्क था। टतानाजी, द अनसंग वॉरियरट को इस रिपोर्ट में छपाक से लगभग दुगनी ओपनिंग मिलने का पूर्वानुमान लगाया गया था। बताया जाता है कि इस रिपोर्ट के आते ही फिल्म छपाक का प्रमोशन देख रहे लोगों ने रणनीति बदली और उसके बाद ही दीपिका के जेएनयू जाने की योजना बनी।  दीपिका जेएनयू पहुंच गई। दीपिका के जेएनयू जाने को लेकर सोशल मीडिया पर भले ही हो हल्ला मचा हो लेकिन सिनेमैट्रिक्स की 9 जनवरी की रिपोर्ट बताती है कि इसका मामूली फायदा छपाक को हुआ। चार मापदंडों पर दीपिका के जेएनयू जाने का थोड़ा ही असर हुआ लेकिन फर्स्ट डे बॉक्स ऑफिस ओपनिंग के पूर्वानुमान पर कोई असर नहीं पड़ा। जबकि तानाजी, द अनसंग वॉरियर के एफबीओ में मामूली वृद्धि होती दिख रही है। आज दोनों फिल्म रिलीज होगी और उसके वास्तविक आंकड़ें आएंगे तो पता चलेगा कि दीपिका की जेएनयू जाने की रणनीति कितनी कामयाब रही और फिल्म को ओपनिंग में या कारोबार में कितना फायदा हो पाया या इसका कोई असर नहीं पड़ा।
दरअसल अगर हम फिल्मी कलाकारों को देखें तो विवादित विषयों को उठाकर या उनके साथ खड़े होकर फिल्म प्रमोशन की रणनीति बहुत पुरानी है। दीपिका पादुकोण की ही फिल्म पद्मावत को लेकर उठा विवाद अभी पाठकों और दर्शकों के मानस पर अंकित ही है।पूर्व में भी बॉलीवुड के हीरो इस तरह के विवादों को हवा देते रहे हैं, कभी किसी को डर लगने लगता है तो किसी की पत्नी को डर लगने लगता है तो कभी किसी अभिनेता को अपने बच्चों की चिंता सताने लगती है। कई बार फिल्म के उन अंशों को जानबूझकर लीक कर दिया जाता है जो विवाद पैदा कर सकते हैं। ऐसे भी उदाहरण हैं जब विवाद उठाने के बाद निर्माता सफाई देते हैं कि इस तरह का कोई प्रसंग इस फिल्म में नहीं है। कई बार इस तरह की रणनीति सफल होती है और कई बार असफल। दीपिका की फिल्म छपाक का प्रमोशन देख रही टीम ने इस बार आंदोलन के साथ जाकर फिल्म को सफल करने का दांव चला है। सफलता तो दर्शकों के हाथ में है, दांव पर तो सिनेमैट्रिक्स की रिपोर्ट की साख भी है।   

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