आज से 60 वर्ष पहले बनी फिल्म संगम का एक गाना है, ओ मेरे सनम, ओ मेरे सनम। उस गीत के पहले के एक दृष्य को याद करिए। फिल्म में आईने के सामने बैठकर वैजयंतीमाला गहने पहन रही होती हैं। राज कपूर आते हैं और नायिका से दूसरा गहना पहनने का अनुरोध करते हैं। वैजंयतीमाला कहती है कि तुम अपवनी पसंद के गहने निकाल लाओ। जब वो लाकर से गहना निकाल रहा होता है तो उसके हाथ एक प्रेम पत्र लगता है। वो उसको पढ़ने लगता है। वो जानना चाहता है कि किसने लिखा। तभी फोन की घंटी बजती है। वैजंयतीमाला उसके हाथ से प्रेमपत्र लेकर फोन उठाने दूसरे कमरे में चली जाती है। फोन पर बात करते-करते वो प्रेमपत्र फाड़कर खिड़की से बाहर फेंक देती है। राज कपूर ये देख लेते हैं। जब वो दोनों पार्टी में जाने के लिए निकलते हैं तो राज कपूर रुमाल भूलने का बहाना करके वापस घर में घुसते हैं। खिड़की के बाहर फटे प्रेमपत्र को उठा रहे होते हैं। वैजंयतीमाला को शक हो जाता है। वो भी वापस कमरे में आती है। दोनों में झगड़ा होता है। फिर राजकपूर पिस्तौल लेकर आते हैं। वैजंयतीमाला से कहते हैं कि जबतक उनको ये पता नहीं चल जाएगा कि ये खत किसने लिखे तबतक वो अंगारों पर लोटते रहेंगे, जैसे ही पता चलेगा ये अंगारा उसके सीने में उतार देंगे। इस संवाद के बाद दरवाजा बंद हो जाता है। पर्दे पर कुछ देर के लिए सन्नाटा। आपको लग रहा होगा कि इस दृष्य के बारे में विस्तार से चर्चा क्यों? वो इसलिए ये सीन राज कपूर की असली जिंदगी में घटित हुआ था जिसको उन्होंने फिल्म संगम में उतार दिया।
1955 की बात है, राज कपूर और नर्गिस फिल्म चोरी चोरी की मद्रास (अब चेन्नई) में शूटिंग कर रहे थे। उस दौरान एक दिन दोनों के बीच जबरदस्त झगड़ा हुआ था। वो झगड़ा एक प्रेमपत्र को लेकर हुआ था। लगभग तीन दशक बाद राज कपूर ने पत्रकार सुरेश कोहली से बातचीत करते हुए ये स्वीकार भी किया था। जब दोनों के बीच बातचीत हो रही थी तो अचानक राज कपूर ने अपनी दराज से एक फ्रेम किया हुआ पत्र निकाला। उस पत्र के कुछ हिस्से गायब थे। फटे हुए टुकड़ों को चिपका कर फ्रेम करवाया गया था। राज कपूर ने उस दिन की बातचीत में दिल खोल दिया था, पूरी दुनिया रहती है कि मैंने नर्गिस को धोखा दिया। लेकिन कहानी इसके उलट है। हुआ ये कि हमलोग एक पार्टी में जानेवाले थे। देर हो रही थी। मैं नर्गिस के पास पहुंचा तो देखा उसके हाथ में एक कागज था। मैंने उससे पूछा कि क्या है तो उसने कहा, कुछ नहीं, कुछ नहीं। इतना कहकर उसने उस कागज को फाड़ दिया और मेरे साथ चल पड़ी। जब हम कार के पास पहुंचे तो मैं रुमाल भूलने का बहाना बनाकर वापस उसी जगह पहुंचा। तबतक मेड ने कागज के टुकड़ों को फर्श से हटाकर डस्टबिन में डाल दिया था। मैंने डस्टबिन से फटे हुए कागज उठाकर अपने कमरे की दराज मे रख दिया। जब हम पार्टी से लौटे तो उन फटे कागजों को जोड़कर पढ़ा। वो शाहिद लतीफ नाम के एक प्रोड्यूसर का प्रणय निवेदन था। नर्गिस ने पहली बार मुझसे झूठ बोला था और मेरा विश्वास तोड़ा था।‘ इस घटना के बाद राज कपूर और नर्गिस के बीच जबरदस्त झगड़ा हुआ था। कहा जाता है कि तभी से राज कपूर की जिंदगी में शराब का प्रवेश हुआ । राज कपूर ने अपनी जिंदगी की इस सच्ची घटना को संगम फिल्म में जस का तस रख दिया। फिल्म में भी इस घटना के बाद की पार्टी में राज जमकर शराब पीते हैं।
संगम एक ऐसी फिल्म थी जिसने राज कपूर को प्रसिद्धि तो दिलाई लेकिन उनकी पारिवारिक जिंदगी में भूचाल ला दिया था। इस फिल्म की नायिका वैजंयतीमाला अचानक सफेद साड़ी पहनने लगी थी। माना जाता था कि जो स्त्री राज कपूर के प्रेम में होती थी वो सफेद साड़ी या कपड़े पहनने लगती थी। उसके और राज कपूर के रोमांस के किस्से आम होने लगे थे। शम्मी कपूर ने अपनी भाभी कृष्णा कपूर को राज कपूर के नए रिश्ते को लेकर सावधान किया था। मुंबई में चेंबूर के राज कपूर के घर में इस फिल्म के बनने के समय झगड़े शुरू हो गए थे। बात इतनी बढ़ी कि राज कपूर जब फिल्म के पोस्ट प्रोडक्शन के लिए लंदन गए तो कृष्णा को भी साथ लेकर जाना पड़ा। वैजंयतीमाला वहीं थीं। उस समय कृष्णा की मित्र ने उनसे पूछा था कि आप ये सब कैसे झेल पाती हैं। उन्होंने कहा था कि छाती पर पत्थर रखकर। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान वैजंयतीमाला और राज कपूर के रिश्ते से कृष्णा इतनी झुब्ध हुईं कि घर छोड़कर चली गईं थी। वो तो भला हो इंकम टैक्स डिपार्टमेंट का कि राज कपूर के घर रेड मारी तो उनको अपनी पत्नी की याद आई, क्योंकि सारे कागज वही संभालती थीं। किसी तरह मिन्नतें करके कृष्णा को वापस घर लाए। संगम को एक सुपर हिट फिल्म के तौर पर तो याद किया ही जाता है लेकिन उस दौरान राज कपूर की जिंदगी की बदलती कहानी भी याद आती है।
No comments:
Post a Comment