इन दिनों टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेन्द्र सिंह धौनी पर बनी बॉयोपिक
का जमकर प्रचार प्रसार हो रहा है । खुद धौनी इस फिल्म की स्टार कास्ट के साथ शहर
शहर घूम रहे हैं । इस फिल्म का नाम है – एम एस धोनी, द अनटोल्ड स्टोरी ये आगामी
शुक्रवार को रिलीज होने जा रही है । इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि धौनी
पर बनी ये फिल्म साठ देशों के पैंतालीस सौ स्क्रीन पर एक साथ रिलीज होगी । इसको
तमिल और तेलुगू में भी डब किया जा रहा है । दरअसल होता यह है कि स्टार खिलाड़ियों पर
फिल्म बनाने के लिए बॉलीवुड के फिल्मकार
और निर्देशक ज्यादा उत्साहित रहते हैं । धौनी की इस फिल्म के प्रोड्यूसर उनके
मित्र अरुण पांडे ही बताए जा रहे हैं । दरअसल होता ये है कि जब आप किसी आइक़न के
जीवन पर फिल्म बनाते हैं तो आपको एक तैयार बाजार मिलता है । तैयार बाजार मिलने से
मुनाफे की गुंजाइश ज्यादा रहती है । तैयार बाजार को भुनाने के लिए फिल्मकार उन
खिलाड़ियों की जिंदगी की ओर आकर्षित होते हैं जिनके साथ किंवदंतियां, किस्से
कहानियां जुड़े हों और लोग उसके बारे में जानने के लिए उत्सुक हों । अब धौनी की
जिंदगी में सफलता के शिखर पर पहुंचने के बाद के साथ साथ उनकी कहानी लगातार
किंवदंती बनती जा रही है । कई बार ये किस्सा सामने आया है कि किस तरह से धौनी अपना
एक क्रिकेट मैच खेलने के लिए रांची से पूर्वोत्तर के किसी राज्य में पहुंचे थे ।
इसके अलावा रेलवे के टिकट चैकर की नौकरी से अरबपति होने की दास्तां अपने आप में
दिलचस्प है । फिल्म रिलीज होने के पहले धौनी के प्रेम संबंधों को भी धीरे से
प्रचारित कर दर्शकों के बीच उत्सकुकता का वातावरण बनाया गया । बताया तो ये भी गया
कि धौनी का पहला प्यार कोई और थी जिससे उनकी मोहब्बत अंजाम तक नहीं पहुंच पाई ।
कुछ इमोशनल सी वजह भी हवा में तैर रही है । दर्शकों को फिल्म के रिलीज होने का
इंतजार है ताकि उनकी ये क्षुधा शांत हो सके । इसके अलावा रीयल लाइफ में अपने नायक
को रूपहले पर्दे पर देखने की ख्वाहिश भी दर्शकों को सिनेमा हॉल तक खींच लाती है ।
जब फिल्म पान सिंह तोमर आई तो उसकी सफलता ने लोगों को चौंकाया था । कम
लागत में बनी इस फिल्म को तारीफ तो मिली ही थी इसने जमकर मुनाफा भी कमाया था । तोमर
पर बने बायोपिक को लोगों ने पसंद किया था क्योंकि इसमें एक फौजी के बागी बनने की
कहानी थी । फौज, अंतराष्ट्रय खिलाड़ी, बंल, बीहड़ सबने मिलकर एक परफैक्ट स्क्रिप्ट
तैयार कर दी थी । इस फिल्म की सफलता के बाद हिंदी फिल्मों में बॉयोपिक का दौर चल
पड़ा । दो हजार तेरह में ओलंपियन मिल्खा सिंह पर बनी फिल्म भाग मिल्खा भाग ने तो
सफलता के तमाम रेकॉर्ड तोड़ते हुए सौ करोड़ मुनाफे वाले बिजनेस क्लब में जगह बनाई
थी । इसी तरह बॉक्सर मैरी कॉम पर प्रियंका चोपड़ा अभिनीत बॉयोपिक भी हिट रही थी और
इंडस्ट्री के अनुमान के मुताबिक उसने बासठ करोड़ का बिजनेस किया था ।
हलांकि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन पर बनी फिल्म परफेक्ट
होने के बावजूद हिट नहीं हो सकी । अजहर की जिंदगी में एक सितारे के बनने की
दास्तां है, बॉलीवुड नायिका के साथ प्रेम है, विवाह है और फिर है अलगाव है । फिर
वो मैच फिक्सिंग के जाल में फंसता और निकलता है । इस बीच वो राजनीति में आता है और
सांसद भी बनता है । इस दौर में उसके परिवार में हादसा भी होता है और वो अपने बेटे
को एक हादसे में गंवा देता है । इन तमाम दुखों के बीच एक बैडमिंटन खिलाड़ी से उसके
रोमांस की खबरें आम होती है हलांकि वो प्यार परवान नहीं चढ़ सकता है ।
बॉलीवुड की नजर अजहर और धोनी पर तो जाती है लेकिन उनकी नजर सचिन
तेंदुलकर या फिर सुनील गावस्कर पर नहीं जाती है । ये दोनों क्रिकेटर महानतम
खिलाड़ियों में से एक हैं लेकिन इनके संघर्ष में मसाला नहीं लिहाजा इनपर बॉलीवुड
की नजर नहीं गई ।
बॉलीवुड में नजर होती है मसाला और मुनाफा पर जबकि हॉलीवुड कला पर भी
अपना ध्यान केंद्रित करता है । हमारे देश के फिल्मकार बाबा साहब भीमराव अंबेडकर या
फिर सरदार पटेल पर फिल्म बनाने के लिए सरकार का मुंह जोहते हैं और सरकारी मदद के
बाद ही इन शख्सियतों पर फिल्में बनाते हैं । यह विंडबना ही कही जाएगी कि गांधी पर
अबतक की सबसे बेहतरीन फिल्म भारत से बाहर बनी है । रिचर्ड अटनबरो को ही गांधी में
संभावना नजर आई और उन्होंने विश्व प्रसिद्ध फिल्म का निर्माण किया । गांधी पर बनी
ये फिल्म उन्नीस सौ बयासी में रिलीज हुई थी । बेन किंग्सले अभिनीत इस फिल्म की याद
करीब तीन दशक से ज्यादा बीत जाने के बाद भी भारतीय मानस में ताजा है । दरअसल
बॉलीवुड में फिल्म मेकिंग शुद्ध कारोबार है और फिल्म या कहानी का चयन मुनाफे को
ध्यान में रखकर किया जाता है । बॉयोपिक अगर ज्यादा बन रहे हैं तो इसके पीछे भी भाग
मिल्खा भाग और मैरी कॉम की सफलता है । इस बात को फिल्म से जुड़े लोग स्वीकार भी
करते हैं ।
एक और बात जो रेखांकित की जानी चाहिए वो ये कि जो शख्स अभी अपनी
जिंदगी में सफलता के शीर्ष पर हैं या जो अपनी जिंदगी अभी जी रहा है और उम्मीद की
जा रही है कि उसकी सफलताओं की सूची और लंबी हो सकती है उसपर बॉयोपिक बनाने का
औतित्य क्या है । इतनी जल्दबाजी में क्यों । अब अगर देखा जाए तो मैरी कॉम पर बनी
फिल्म उनकी अधूरी जिंदगी को ही दिखाती है । मिल्खा पर फिल्म बनी तो वो ठीक है, पान
सिंह तोमर पर फिल्म भी औतित्यपूर्ण है लेकिन धौनी, अजहर मैरी कॉम आदि पर बनने वाली
बॉयोपिक पैसा कमाने की एक तिकड़म है और आड़ है कला की ।
3 comments:
बहुत अच्छा।
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 29-09-2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2480 में दिया जाएगा
धन्यवाद
स्वाभाविक तौर पर बॉलीवुड एक कारोबार है और पैसा लगाया ही जता है कमाने के लिए। इसमें अस्वभाविक क्या है ?
Post a Comment