एक अनुमान के मुताबिक हिंदी में कहानी कविता
उपन्यास आदि को मिलाकर तकरीबन पचास छोटे बड़े पुरस्कार दिए जाते हैं । इसके अलावा अनेक
राज्य सरकारें भी थोक भाव से पुरस्कार बांटती हैं । इस साल भी हिंदी में काफी पुरस्कार
दिए गए लेकिन अपेक्षाकृत कम पुरस्कार विवादित हुए । साहित्य के क्षेत्र में सबसे बड़ा
नोबेल पुरस्कार इस बार फ्रांस के लेखक पैट्रिक मोदियानों को दिया गया । भारत के सबसे
प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक ज्ञानपीठ पुरस्कार कवि केदारनाथ सिंह को दिया गया
। हलांकि यह 2013 का पुरस्कार था लेकिन एलान दो हजार चौदह में किया गया । केदारनाथ
सिंह को पुरस्कार देनेवाली छह सदस्यीय समिति के अध्यक्ष मशहूर ओडिया कवि सीताकांत महापात्र
थे । इस साल का साहित्य अकादमी पुरस्कार भोपाल के लेखक रमेशचंद्र शाह को उनके उपन्यास
विनायक के लिए अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया । मशहूर शायर मुनव्वर राणा को उर्दू में
लेखन के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है जबकि पंजाबी भाषा के जसविंदर को साहित्य
अकादमी पुरस्कार देने का एलान किया गया । धन के लिहाज से समृद्ध श्रीलाल शुक्ल इफको
सम्मान कथाकार मिथिलेश्वर को दिया गया । इस बार का सरस्वती सम्मान बुजुर्ग लेखक गोविंद
मिश्र को उनके उपन्यास धूल पौधों पर के लिए दिया गया । जबकि प्रतिष्ठित मूर्तिदेवी
सम्मान मशहूर ओडिया लेखक हरप्रसाद दास को दिया गया । नवलेखन के लिए भारतीय ज्ञानपीठ
का पुरस्कार योगिता यादव को उसकी कहानी क्लीन चिंट पर और कविता के लिए अरुणाभ सौरभ
को दिया गया । इस बार साहिक्य अकादमी का युवा पुरस्कार कुमार अनुपम के खाते में गया
। लखनऊ से शैलेन्द्र सागर कथाक्रम सम्मान देते हैं जो इस बार वरिष्ठ लेखिका नासिरा
शर्मा को समारोहपूर्वक दिया गया । कविता के लिए शमशेर सम्मान वरिष्ठ कवि ऋतुराज को
जबकि सृजनात्मक लेखन के लिए यह पुरस्कार सुधीर विद्यार्थी को दिया गया । कविता के लिए
ही प्रतिष्ठित भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार आस्तीक वाजपेयी को देने का फैसला हुआ । महाकवि
निराला के नाम पर स्थापित पहला निराला स्मृति सम्मान राजेश जोशी को दिया गया । मुंबई
से दिया जानेवाला विजय वर्मा कथा सम्मान हिंदी अकादमी दिल्ली के सचिव हरिसुमन विष्ट
को उनकी कृति बसेरा के लिए दिया गया । जबकि कविता के लिए हेमंत स्मृति कविता पुरस्कार
नवोदित कवयित्री अर्चना राजहंस मधुकर को उनके काव्य संग्रह भीगा हुआ सचके लिए देने
का एलान किया गया । इन दोनों पुरस्कारों के निर्णायक वरिष्ठ आलोचक भारत भारद्वाज थे
। हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के लिए काम करनेवाली संस्था कलमकार फाउंडेशन के अखिल
भारतीय कहानी प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया । इक्कीस हजार रुपए
का पहला पुरस्कार भोपाल की कथाकार इंदिरा दांदी को उनकी कहानी शहर की सुबह के लिए दिया
गया जबकि ग्यारह हजार के दो पुरस्कार जम्मू की लेखिका योगिता यादव और लखनऊ की कथाकार
रजनी गुप्त को दिया गया । इसके अलावा कमल, प्रदीप जिलवाने और सुषमा मुनीन्द्र को तृत्तीय
पुरस्कार से सम्मानित किया गया । इस साल का रमाकांत स्मृति सम्मान और वागेश्वरी सम्मान
भी इंदिरा दांगी को ही दिया गया । इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार ने भी कई साहित्कारों
को सम्मानित और पुरस्कृत किया जिनमें उपन्यासकार ममता कालिया, विभूति नारायण राय, रजनी
गुप्त, सूर्यनाथ सिंह के अलावा तकरीबन दो दर्जन साहित्यकार और लेखक हैं ।
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