पूरी दुनिया के साहित्यप्रेमियों की नजर नोबेल पुरस्कार पर लगी
होती है । इस बार जब नोबेल एकेडमी ने सबको चौंकाते हुए अमेरिका के बेहद लोकप्रिय
और वरिष्ठ गीतकार बॉव डिलान को पुरस्कार देने का एलान किया तो इस पुरस्कार को लेकर
पूरी दुनिया के लेखकों के बीच एक नई बहस छिड़ गई । कई लेखकों का मानना है कि
लोकगायक, हारमोनियम और पियानोवादक को पुरस्कार देकर नोबेल एकेडमी ने लीक से हटकर
काम किया है और उनमें से कई लेखको ने तो सवाल खड़े किए हैं कि लोकप्रिय गायक और
गीतकार होने से काव्य परंपरा का हिस्सा कैसे बन सकते हैं । ‘ट्रेनस्पॉटिंग’ जैसे उपन्यास के
मशहूर लेखक इरविन वेल्स ने नोबेल पुरस्कार के बाद ट्वीट किया- मैं बॉब डिलान का
प्रशंसक हूं लेकिन ये हिप्पियों के सड़े हुए विचार से बिना सोचे समझे दिया गया
पुरस्कार है । अमेरिकी उपन्यासकार जोडी पिकॉल्ट ने भी बॉब डिलान को नोबेल दिए जाने
पर तंज कसते हुए टिप्पणी की- मैं बॉब डिलान के लिए खुश हूं । लेकिन साथ ही
उन्होंने हैशटैग के साथ लिखा- क्या इसका मतलब ये है कि मैं भी ग्रैमी अवॉर्ड जीत
सकती हूं । उन्नीस सौ तिरानवे में साहित्य के लिए अमेरिकी लेखक मॉरिसन के बाद बॉब
डिलान को पुरस्कार मिला है लेकिन अमेरिका के अखबारों और बेवसाइट्स पर भी इसको लेकर
गंभीर बहस छिड़ी हुई है । न्यूयॉर्क टाइम्स ने तो फिर से साहित्य को परिभाषित करने
की जरूरत बताने वाला एक लेख प्रकाशित किया है ।
हलांकि ऐसा लगता है कि नोबेले एकेडमी को पुरस्कार पर विवाद की
आशंका थी लिहाजा उन्होंने पुरस्कार के एलान के वक्त साफ किया था कि- बॉव डिलान को
महान अमेरिकी गीत परंपरा के अंदर नई काव्यात्मक अभिव्यक्ति रचने के लिए ये
पुरस्कार दिया जा रहा है । दरअसल लगातार दूसरे साल नोबेल एकेडमी ने परंपरा से हटकर
पुरस्कार दिए हैं । पिछले साल भी डॉक्यूमेंट्री के लिए बेलारूस की लेखिका
स्वेतलाना एलेत्सीविच को नोबेल से सम्मानित किया गया है । दरअसल अगर हम देखें तो
यह स्पष्ट नजर आता है कि नोबेल पुरस्कार के निर्णायक परंपरागत साहित्य की चौहद्दी
को बढ़ाना चाहते हैं । और जब भी परंपरा से हटकर या उससे अलग जाने की कोशिश करते
हैं तो आप चाहे अनचाहे विवादों में घिर जाते हैं या आलोचना के शिकार हो जाते हैं ।
बॉव डिलान को साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार दिए जाने को लेकर भले
ही विवाद उठा हो लेकिन डिलान को पहले भी साहित्य में मान्यता मिल चुकी है । ऑक्सफोर्ड
बुक ऑफ अमेरिकन पोएट्री ने उनके गीतों को शामिल किया था । उसके बाद तो कैंब्रिज
युनिवर्सिटी ने भी उनके गीतों का संग्रह प्रकाशित किया था । बॉव डिलान उन्नीस सौ
साठ से गीत लिखने और गायकी के क्षेत्र में सक्रिय हैं और दुनियाभर में उनके प्रशंसकों
की संख्या काफी ज्यादा है । नोबेल एकेडमी के सचिव सारा डेनियस ने कहा है कि बॉव
डिलान के गीत युगांतकारी हैं । उनके ब्लोन इन द विंड, मॉस्टर्स ऑफ वॉर जैसे गीतों
में विद्रोह, असंतोष और आजादी की तड़प को रेखांकित किया जा सकता है । गीतकार को
नोबेल पुरस्कार देकर एकेडमी ने दुनियाभर की साहित्यक संस्थाओं को एक संदेश तो दे
ही दिया है कि गीत लिखने वाले भी काव्य परंपरा के ही अंग हैं और उनको भी गंभीरता
से लिया जाना चाहिए । हमारे देश में भी साहित्य अकादमी को पुरस्कार देते वक्त
विधाओं का दायरा बढ़ाना होगा और यह विचार भी करना होगा कि जिस तरह की कविताओं को
पुरस्कृत किया जा रहा है उससे आगे जाने का रास्ता क्या है । कविता की ठस होती जमीन
का दायरा बढ़ाने के लिए यहां भी आवश्यक है कि गीतकारों या फिल्मों में गीत
लिखनेवालों पर भी साहित्य अकादमी पुरस्कार के चयन के वक्त ध्यान दिया जाना चाहिए ।
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