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Friday, October 23, 2015

कम्युनिस्टों का फासिज्म

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमेटी ने एक बार फिर से अजीबोगरीब फरमान जारी कर पूरी दुनिया को चौंका दिया है । वहां के शासक दल के नए हुक्मनामे के मुताबिक पार्टी कॉडर के गोल्फ खेलने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है । तर्क यह दिया गया है कि इससे भ्रष्टाचार को रोकने में मदद मिलेगी । चीन ती कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमिटी के नए फरमान के मुताबिक पार्टी के करीब पौने नौ करोड़ सदस्यों के लिए जिस आठ सूत्रीय नैतिक फॉर्मूले को जारी किया गया है उसमें गोल्फ के अलावा होटलों में अधिक खाने पीने की मनाहीतो है ही विवाहेत्तर संबंधों पर रोक भी लगा दी गई है । गोल्फ से तो कम्युनिल्ट पार्टी का पुराना बैर रहा है । माओ ने इसको बुर्जुआ खेल मानते हुए इसपर पाबंदी लगाई थी । उसके बाद देंग के शासनकाल में गोल्फ को अनुमति मिली थी लेकिन लगातार इस खेल के खिलाफ चीन में मुहिम चलती रही । चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के इस नए निर्देशों के बाद पूरी दुनिया में मानवाधिकार को लेकर सचेत लोगों ने विरोध के स्वर तेज कर दिए हैं लेकिन चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को मानवाधिकार की कहां फिक्र है । सेंट्रल कमटेी ने अपने कॉडर से साफ तौर पर कहा है कि वो व्यक्तिगत बातों को पार्टी के साथ साझा करें और फैसले की जिम्मेदारी पार्टी पर छोड़े । कार्यकर्ताओं की रुचि से लेकर उसकी व्यक्तिगत जिंदगी तक तो पार्टी के रहमोकरम पर छोड़ दिया गया है । उनका चेयरमैन हमारा चेयरमैन का नारा लगानेवाली प्रगतिशील जमात चीन के इस कदम पर खामोश है । इस खामोशी से ही भारत में प्रगतिशील जमात ने अपनी साख गंवा दी है । दरअसल कम्युनिस्ट पार्टियों का ये अमानवीय चेहरा नया नहीं है । जे चांग और जॉन हैलीडे ने अपनी किताब द अननोन स्टोरी माओ में इस तरह के कई वाकयों का जिक्र किया है । कुछ इसी तरह का जिक्र तो शौकत कैफी ने अपनी किताब यादों की रहगुजर में भी किया है । जब कैफी और शौकत की शादी हुई थी तो वो कम्यून में रहते थे । उनका जीवन सामान्य चल रहा था । उनके घर एक बेटे का जन्म हुआ था । अचानक सालभर में बच्चा टी बी का शिकार होकर काल के गाल में समा गया । इस विपदा से शौकत पूरी तरह से टूट गई थी । अपने इस पहाड़ जैसे दुख से उबरने की कोशिश में जैसे ही शौकत को पता चला कि वो फिर से मां बनने जा रही हैं तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा । अपनी इस खुशी को शौकत ने कम्यून में साझा की । उस वक्त तक शौकत कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता ले चुकी थी । जब शौकत की पार्टी को इसका पता चला तो तो पार्टी ने शौकत से गर्भ गिरा देने का फरमान जारी किया। उस वक्त शौकत पार्टी के इस फैसले के खिलाफ अड़ गईं थी और तमाम बहस आदि के बाद उनको बच्चे की अमुमति मिली थी । दरअसल ये कम्युनिस्टों का बेहद अमानवीय चेहरा है । इस वजह से जब वो नारी स्वतंत्रता की बात करते हैं या फिर जीने से लेकर अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते हैं तो खोखलापन नजर आता है ।
ऐसा नहीं है कि इस तरह के फरमान सिर्फ चीन में ही जारी होते रहे हैं, रूस में इस तरह के वाकयों का लंबा इतिहास रहा है । जो गाहे बगाहे बाहर भी आते रहे हैं । यह अकारण नहीं है कि हॉवर्ड फास्ट जैसे मशहूर लेखक अपनी कृति दे नेकेड गॉड में कहते हैं कि कम्युनिस्ट पार्टी एक ऐसी मशीन है जिसमें प्राय: अच्छे लोग प्रवेश करते हैं जो अन्नत: बुरे लोगों में परिवर्तित हो जाते हैं । सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टियों में इस प्रक्रिया से बच पाना आमतौर पर जान देने की कीमत पर ही होता है । अब अगर हम हॉवर्ड फास्ट, शौकत कैफी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमेटी के हालिया फरमान पर नजर डालें तो यह लगता है कि कम्युनिस्ट विचारधारा फासिस्ट है जो फासिज्म का डर दिखाकर फलती फूलती रही है ।

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