सुरैया, भारतीय सिनेमा का एक ऐसा नाम है जिसने अपने हुस्न और
गायकी से पूरे मुल्क को चकाचौंध कर दिया। उनके जैसा दूसरा कोई हुआ नहीं। गायिका-अभिनेत्री
सुरैया का जलवा ऐसा कि फिल्मों में होना मतलब सफलता की गारंटी। सुरैया बाल-कलाकार
के तौर पर फिल्मों में आईं लेकिन समय के साथ जब नायिका की भूमिका निभानी शुरू कीं
तो फिर तो पृथ्वीराज कपूर से लेकर सहगल साहब के साथ काम करने लगीं। पृथ्वीराज कपूर
को सुरैया पापाजी कहती थी और उनसे डरती भी बहुत थी। एक के बाद एक दर्जनभर हिट
फिल्में सुरैया के नाम हैं। सुरैया के अभिनय और गायिकी के कॉकटेल का जादू
भारतीय दर्शकों के होश उड़ा देता था। जहां से वो निकल जाती थीं तो ट्रैफिक जाम हो
जाता था। मुंबई के मरीन ड्राइव के उनके घर के बाहर हर रोज तमाशा होता था। क्या
फिल्म प्रोड्यूसर, क्या डायरेक्टर, क्या अभिनेता सभी सुरैया पर जान छिड़कते थे। एक
समय तो ऐसा आया कि एक शख्स सुरैया के घर के बाहर प्रणय निवेदन करते हुए धरने पर
बैठ गया। पुलिस कार्रवाई में बेचारे आशिक को वहां से रुखसत होना पड़ा। इसी तरह एक
बार बेहद दिलचस्प वाकया तब हुआ जब सुरैया और उसकी मां अपने फ्लैट में थी। अचानक
फ्लैट के बार जोर-जोर से बैंड बजने की आवाज आने लगी। धीरे धीरे बैंड का शोर बढ़ता
ही चला गया। सुरैया और उसकी मां को आनेवाले खतरे का अंदाजा नहीं था। जब बैंड का
शोर काफी बढ़ गया तो सुरैया की मां ने अपने फ्लैट का दरवाजा खोला तो उनके ही
दरवाजे पर बैंड बज रहा था और एक शख्स दूल्हे की पोशाक पहनकर सामने खड़ा था। सुरैया
की मां ने जब उससे पूछा कि क्या बात है तो उसने कहा कि वो सुरैया से शादी करने के
लिए पूरी बारात लेकर जालंधर से यहां आया है। जब तक उसकी मां कुछ समझ पाती तबतक
दूल्हा पूरी बारात समेत उनके फ्लैट में दाखिल हो गया। बाराती और दूल्हा सुरैया से
शादी रचाने पर जोर डालने लगे। इस बीच सुरैया ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया
था। सुरैया की मां के लाख समझाने के बाद भी जालंधर वाले टस से मस नहीं हो रहे थे।
वो चीखने चिल्लाने लगे थे कि इतने महंगे गहने बनवा कर लाए हैं, इतनी साडियां लेकर
आए हैं, बारात पर इतना खर्च किया है बगैर शादी के वापस नहीं जाएंगे। सारे गहने बक्से
से निकालकर उन्होंने सुरैया की मां के सामने रख दिया। लाखों के गहने और साडियां।
इस बीच कुछ बाराती बदतमीजी पर उतारू होने लगे तो सुरैया कि मां ने पुलिस को बुला
लिया। पुलिस ने लाठी डंडा मारकर सबको बाहर निकाला और दूल्हा बेचारा सारे गहने आदि
समेट कर वापस जालंधर चला गया। लेकिन सबसे दिलचस्प रही थानेदार की टिप्पणी। उसने
जाते-जाते सुरैया की मां से कहा कि पता नहीं आप लोग क्या करते हो कि कभी कोई खुदकुशी
करने चला आता है तो कभी कोई शादी के लिए धरने पर बैठ जाता है तो कभी बारात लेकर घर
में घुस आता है। जाते जाते चेता भी गया कि अब आगे से कुछ करना मत।
सुरैया ने गाने की कोई औपचारिक ट्रेनिंग कभी नहीं ली थी। समय की
मांग ने उनको गायिका बना दिया था। जब नर्गिस लोकप्रिय होने लगीं तो सुरैया का
सिंहासन डोला, फिर कामिनी कौशल और निम्मी से सुरैया को टक्कर मिली। इसी दौर में
मधुबाला का भी फिल्मों में पदार्पण हुआ। एक साथ इन नायिकाओं की फौज ने सुरैया की
सल्तनत को चुनौती दी थी। सुरैया और देवानंद के प्रेम पर बहुत कुछ कहा और लिखा जा
चुका है लेकिन लाहौर से मुंबई आई इस अभिनेत्री ने फिल्म इंडस्ट्री पर अपनी शर्तों
पर राज किया और फिर अपनी ही शर्तों पर इससे अलग भी हो गईं।
2 comments:
बहुत मजेदार घटना का बहुत सुंदर वर्णन।
अद्भुत बाते
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