आज नर्गिस का
जन्मदिन है। आज वो नब्बे साल की होतीं। 51 साल की छोटी सी उम्र में नर्गिस दुनिया छोड़ कर ची गईं। पिछले दिनों राज कपूर की फिल्म बरसात (1949) देख रहा था। क्या गजब की फिल्म
बनाई थी। पूरी फिल्म में नर्गिस और पहाड़ी सौंदर्य बांधे रखता है। राज कपूर और नर्गिस
के बीच की केमेस्ट्री लाजवाब है। इस फिल्म में नर्गिस बेहद खूबसूरत लगी हैं। इस
फिल्म में मोहब्बत करने की सजा के तौर ऑनर किलिंग की कोशिश भी है। नर्गिस और राज
कपूर का प्रेम भी इस फिल्म के बाद ही परवान चढ़ा। देवानंद से लेकर ऋषि कपूर तक ने
इस प्रेम के बारे में लिखा है। पर जब नर्गिस ने आर के स्टूडियो छोड़ा तो फिर चौबीस
साल बाद आर के स्टूडियो के कैंपस में लौटीं। मौका था ऋषि कपूर की शादी का और उसके
समारोह में नर्गिस और सुनील दत्त आए थे। 1956 के बाद नर्गिस ने आर के स्टूडियो में
1980 में कदम रखा था। जब वो वहां पहुंती तो थोड़ नर्वस लग रही थी। अचानक राज कपूर
की पत्नी कृष्णा की नजर नर्गिस पर पड़ी और वो उसके पास जा पहुंची। उसने नर्गिस का
हाथ पकड़ा और उसको अलग ले गईं। कृष्णा ने नर्गिस से कहा कि मैं जानती हूं कि मेरा
पति बेहद खूबसूरत है, वो रोमांटिक भी बहुत है। मैं आपके आकर्षण को समझ सकती हूं।
मुझे मालूम है कि इस वक्त आपके दिमाग में क्या चल रहा है पर पुरानी बातें भूल
जाइए। आप खुशी के मौके पर हमारे घर आई हैं, हमलोग मिलकर जश्न मनाते हैं। आप हमारी
ना केवल मेहमान हैं बल्कि दोस्त भी हैं। नर्गिस यह सुनकर सामान्य हो सकीं।
हिंदी फिल्मों
के इतिहास में नर्गिस और उसकी मां जद्दनबाई दो ऐसे किरदार हैं जिन्होंने अपने
संघर्ष के बूते फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई। अपनी मां के साथ शहर दर शहर
भटकते हुए, बहुत छोटी उम्र से फिल्मों में काम करते हुए नर्गिस ने जो जगह बनाई वो
अप्रतिम है।
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