Translate

Monday, April 10, 2017

मिट्टी घोटाले से आगे की कहानी

लालू यादव । एक जमाने में सामाजिक न्याय के मसीहा के तौर पर उभरे और जब रथयात्रा के दौरान लालकृष्ण आडवाणी को बिहार में गिरफ्तार किया गया तो उसके बाद से धर्म निरपेक्षता के भी चैंपियन माने जाने लगे । बिहार पर परोक्ष  प्रत्यक्ष रूप से करीब एक दशक से ज्यादा वक्त तक शासन किया । सामाजिक न्याय के उस दौर में मतदाताओं ने लालू यादव को अपार राजनीतिक ताकत दे दी थी । लालू यादव कहा भी करते थे कि वो किंग मेकर हैं । नब्बे के आखिरी दशक में गठबंधन सरकारों के दौर में यह माना जाता था कि लालू का जिसको समर्थन मिल जाएगा वो प्रधानमंत्री बन जाएगा ।  उस दौर मे लालू चालीस लिखकर लोग संसद तक में पहुंच गए थे । इतनी ताकत मिलने से लालू यादव दंभी भी हो गए थे । हमारे देश के प्रधानमंत्री रहे इंदर कुमार गुजराल ने अपनी आत्मकथा मैटर्स ऑफ डिस्क्रीशन, एन ऑटोबॉयोग्राफी में लालू से जुड़ा एक बेहद अप्रिय प्रसंग लिखा है । उस वक्त की बात है जब गुजराल बिहार से राज्यसभा का चुनाव लड़ रहे थे । राज्यसभा चुनाव के उस दौर में लालू यादव ने इंदर कुमार गुजराल को मिलने के लिए दिल्ली के बिहार भवन में बुलाया और बातों-बातों में ये इशारा किया कि राज्यसभा के चुनाव में पैसे खर्च कर वोट खरीदने होते हैं । झारखंड मुक्तिमोर्चा के विधायकों के हवाले से बात करते हुए लालू यादव ने गुजराल को ये संकेत दियाकि चुनाव जीतने के लिए उनको पैसों का इंतजाम करना होगा । गुजराल ने विनम्रतापूर्वक लालू के सांकेतित प्रस्ताव को टाल दिया। किताब में वर्णित प्रसंग के मुताबिक गुलजार के इस रुख से लालू यादव काफी खफा हो गए और लगभग चिल्लाते हुए गुजराल को अपने कमरे से बाहर निकाल दिया। बाद में वी पी सिंह के आग्रह पर गुजराल ने उस बातचीत को उस वक्त सार्वजनिक नहीं किया था ।
बाद में लालू यादव पर चारा घोटाले के आरोप लगे, कई बार जेल गए और फिर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा को बहाल रखा जिसके बाद से वो चुनाव लड़ने के अयोग्य है । लालू यादव ने पहले अपनी पत्नी राबड़ी देवी के माध्यम से राजनीति की और अब उनके दोनों बेटे बिहार सरकार में मंत्री हैं। तेजस्वी यादव तो उपमुख्यमंत्री हैं । हाल के दिनों मे लालू यादव के दूसरे बेटे तेज प्रताप यादव पर घोटाले के छींटे पड़े हैं । बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि लालू यादव के बेटे ने अपनी कंपनी के माध्यम से लाखों की मिट्टी बगैर टेंडर के पटना के चिड़ियाघर को बेच दिया । चिड़ियाघर उनके विभाग के अंतर्गत ही आता है । पिता चारा घोटाले में सजायाफ्ता और बेटेपर मिट्टी घोटाले का आरोप । बिहार में राजनीति गर्माई हुई है । बीजेपी हमलावर है तो लालू यादव भी पलटवार कर रहे हैं । लेकिन यह मामला उतना आसान नहीं है । लालू यादव के दोनों बेटों और राबड़ी देवी के नाम पर इस दो एक एकड़ जमीन पर आरजेडी के ही एक विधायक पटना का सबसे बड़ा मॉल बनवा रहे हैं । माना जा रहा है कि इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत करीब पांच सौ करोड़ है । यहां तक तो सब ठीक था लेकिन अब सुशील मोदी ने इस जमीन के ट्रांसफर को भी लालू यादव के रेल मंत्री के कार्यकाल के दौरान एक ठेके से जोड दिया है । हलांकि लालू इससे इंकार कर रहे हैं । लालू ने कहा कि दो हजार पांच में उनके सहयोगी प्रेम गुप्ता की कंपनी ने ये जमीन खरीदी थी । आरोपों के मुताबिक दो हजार आठ में राबड़ी देवी ने इस कंपनी को खरीद लिया और बाद में इसको अपने दोनों बेटों को दे दिया । लालू यादव का दावा है कि ये पूरा ट्रांजेक्शन पारदर्शी और कानून के मुताबिक हुआ है ।
अब सवाल यही उठ रहा है कि बिहार सरकार इस मसले पर क्या कर रही है । मिट्टी घोटाले के आरोपों की जांच तो हो रही है लेकिन इस जमीन के मालिकाना हक को लेकर जांच की जाएगी या लालू के इस वक्त के सहयोगी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके तर्कों को मान लेंगे । या फिर कानून अपना काम करेगा जैसे जुमलों की आड़ में इस मामले को जांच के हवाले कर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा । लालू यादव से जुड़े कुछ लोगों का दावा है कि बिहार बीजेपी में हाशिए पर चल रहे सुशील मोदी इन दिनों अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए लालू यादव पर उलजलूल आरोप लगा रहे हैं। संभव है । लेकिन क्या सुशील मोदी के आरोपों की जांच नहीं होनी चाहिए ।

अंग्रेजी में एक मुहावरा प्रचलन में है जो इतिहासकार लॉर्ड एक्टन ने 1887 में प्रतिपादित किया था- पॉवर टेंड्स टू करप्ट एंड एब्सोल्यूट पॉवर करप्ट्स एब्सोल्यूटली । यह बात कही तो काफी पहले गई थी लेकिन कई बार ये राजनीतिज्ञों पर लागू होती है । लालू यादव के केस में ही देखें तो जिस तरह से उन्होंने चारा घोटाला किया वो इस मुहावरे को सही साबित करता है । अब जब उनके दोनों बेटे एक बार फिर से सत्ता में हैं और उनके हाथ में सत्ता की ताकत है तो क्या एक बार फिर से इतिहास खुद को दोहराने के लिए तैयार बैठा है । क्या फिर से एक बार लॉर्ड एक्टन की उक्ति सही साबित होगी ।  

1 comment:

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 13-04-2017 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2618 (http://charchamanch.blogspot.com/2017/04/2618.html) में दिया जाएगा
धन्यवाद